प्रधानमंत्री द्वारा परीक्षा को उत्सव की तरह मनाने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का किया गया आयोजन

स्वामी आत्मानंद कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला में आयोजित परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि व पालकगण हुए शामिल
शिक्षा आगे बढ़ने की सीढ़ी और खुद की समझ को विकसित करने एक मात्र जरिया— कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा
सत्यमेव न्यूज/खैरागढ़. देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का वार्षिक कार्यक्रम परीक्षा पे चर्चा के सातवें संस्करण का आयोजन आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में किया गया. जिसका सीधा प्रसारण पूरे देश सहित जिले में भी किया गया. स्थानीय स्वामी आत्मानंद कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला खैरागढ़ में आयोजित प्रधानमंत्री मोदी के ऑनलाइन परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा शामिल हुए. इस अवसर पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह, जिला पंचायत सभापति घम्मन साहू, विकेश गुप्ता, कमलेश कोठले, विनय देवांगन, रूपेन्द्र रजक, आशीष सिंह, शशांक ताम्रकार, यतीश साहू एवं जिला शिक्षा अधिकारी एफआर कोसरिया सहित स्कूल के शिक्षकवृंद, पालक और बड़ी संख्या में विद्यार्थी शामिल हुये. इसके आलावा जिले के विभिन्न स्कूलों में भी प्रधानमंत्री के परीक्षा पे चर्चा का ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया. प्रधानमंत्री ने परीक्षा पे चर्चा के दौरान विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों से बातचीत की. उन्होंने स्कूली बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि हमारे बच्चों में लचीलापन पैदा करना और उन्हें दबावों से निपटने में मदद करना महत्वपूर्ण है. छात्रों की चुनौतियों का समाधान अभिभावकों के साथ-साथ शिक्षकों को भी सामूहिक रूप से करना चाहिए. स्वस्थ प्रतिस्पर्धा छात्रों के विकास के लिए शुभ संकेत है. उन्होंने कहा कि शिक्षक नौकरी की भूमिका में नहीं हैं बल्कि वे छात्रों के जीवन को संवारने की जिम्मेदारी निभाते हैं. माता-पिता को अपने बच्चों के रिपोर्ट कार्ड को उनका विजिटिंग कार्ड नहीं बनाना चाहिए. छात्रों और शिक्षकों के बीच का बंधन पाठ्यक्रम और पाठ्यचर्या से परे होना चाहिए. अपने बच्चों के बीच प्रतिस्पर्धा और प्रतिद्वंद्विता के बीज कभी न बोएं. बल्कि भाई-बहनों को एक.दूसरे के लिए प्रेरणा बनना चाहिए. अपने सभी कार्यों और अध्ययन में प्रतिबद्ध और निर्णायक बनने का प्रयास करें. जितना संभव हो उत्तर लिखने का अभ्यास करें. यदि आपके पास वह अभ्यास है तो परीक्षा हॉल का अधिकांश तनाव दूर हो जाएगा. प्रौद्योगिकी को बोझ नहीं बनना चाहिए. इसका विवेकपूर्ण उपयोग करें. सही समय जैसा कुछ नहीं है इसलिए इसका इंतजार न करें. चुनौतियाँ आती रहेंगी और आपको उन चुनौतियों को चुनौती देनी होगी. यदि लाखों चुनौतियाँ हैं, तो अरबों समाधान भी हैं. असफलताओं से निराशा नहीं होनी चाहिए. हर गलती एक नई सीख हैं. उचित शासन के लिए भी नीचे से ऊपर तक उत्तम सूचना की व्यवस्था और ऊपर से नीचे तक उत्तम मार्गदर्शन की व्यवस्था होनी चाहिए. मैंने अपने जीवन में निराशा के सभी दरवाजे और खिड़कियां बंद कर दी हैं.
परीक्षाओं में किसी तरह का तनाव नहीं लें और बार-बार लिखकर याद करें— विक्रांत सिंह
इस अवसर पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री मोदी ने आज हमें परीक्षाओं की तैयारी के बारे में काफी रोचक बातें बतायीं हैं, उन्हें अपने जीवन में आत्मसात करते हुये आगे बढ़ेंगें तो सफलता निश्चित ही आपके कदम चूमेगी इसके अलावा उन्होंने बच्चों का आह्वान किया कि वे परीक्षाओं में किसी तरह का तनाव नहीं लें और बार-बार लिखकर याद करें, ताकि किसी भी सवाल का जवाब भी पूरी तरह से याद हो जाये. उन्होंने कहा कि वर्तमान में हम विकसित भारत की ओर अग्रसर हो रहे हैं, जिसमें आप सबकी भूमिका भी महत्वपूर्ण है.
महज नौकरी पाने का साधन नहीं पढ़ाई — कलेक्टर

कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा ने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि शिक्षा आगे बढ़ने की सीढ़ी है. उन्होंने कहा कि पढ़ाई महज नौकरी पाने का साधन नहीं है. बल्कि खुद की समझ को विकसित करने के लिए शिक्षा ही एक मात्र जरिया है. मानव जीवन में शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मन का स्वस्थ्य भी होना जरूरी है. इसलिए स्कूली जीवन पढ़ाई के अलावा खेलकूद में भी हिस्सा लेना जरूरी है. उन्होंने बच्चों को योजना तैयार कर परीक्षा दिलाने और निश्चिंत होकर पढ़ाई करने के लिये प्रोत्साहित किया.