पैरालीगल से दी गई छात्रों को पॉक्सो एक्ट की जानकारी
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव के तत्वाधान में शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कटंगी कला के छात्रों को पॉक्सो एक्ट की जानकारी दी गई. इस दौरान बालिकाओं और महिलाओं से संबंधित अपराध के विषय में विस्तार से विधिक जानकारी देते हुये पैरालीगल वॉलेंटियर गोलूदास साहू ने बताया गया कि बच्चे भगवान का रूप माने जाते हैं. बच् चों का बाल मन शारीरिक एवं मानसिक रूप से अपरिपक्व होता है, ऐसे में वे अपने साथ होने वाली अच्छी या बुरी घटनाओं को बेहतर तरीके से व्यक्त नहीं कर पाते. समाज में आपराधिक प्रवृति के कुछ लोग बच् चों के इसी बालपन का फायदा उठाते है एवं बच्चों के साथ यौन-शोषण जैसे कुकृत्यों को अंजाम देते हैं.
मासूम बच् चे इन सभी चीजों के बारे में खुलकर नहीं बता पाते परन्तु इन घटनाओं का बच्चों के बाल मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है और वे अपने जीवन भर इन सभी चीजों से बाहर नहीं आ पाते. सरकार द्वारा बच्चों के प्रति होने वाले बाल यौन-अपराधों पर अंकुश लगाने एवं अपराधियों को कड़ी सजा देने के लिये पॉक्सो अधिनियम लागू किया गया है. बच्चो के विरुद्ध यौन अपराधों में बच्चों का यौन-शोषण, यौन उत्पीडऩ एवं पोर्नोग्राफी को शामिल किया गया है. पॉक्सो एक्ट के तहत बच्चों के साथ अश्लील हरकत करना, उनके प्राइवेट पार्ट्स को छूना या बच्चों से अपने प्राइवेट पार्ट को टच करवाना, बच्चों को अश्लील फिल्म या पोर्नोग्राफिक कंटेंट दिखाना, बच्चों के शरीर को गलत इरादे से छूना या बच्चों के साथ गलत भावना से की गयी सभी हरकते इस एक्ट के तहत रेप की श्रेणी में रखी गयी है एवं इन सभी अपराधों में कड़ी सजा का प्रावधान भी किया गया है. 18 वर्ष से कम उम्र के बालक व बालिकाओं की सहमति का औचित्य नहीं होता.