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नवीन कानूनों के संबंध में खैरागढ़ में हुआ जिला स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन

सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ़. 1 जुलाई 2024 को लागू होने वाले नये कानून के संबंध में इंदिरा कला संगीत विश्विद्यालय के ऑडिटोरियम भवन में नवीन न्याय संहिता उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान कमिश्नर, एडीजे, कलेक्टर, अपर कलेक्टर एवं एडिशनल एसपी तथा कानून विदो नेजनप्रतिनिधियों, अधिकारी-कर्मचारी, अधिवक्तागण, पत्रकारगण, नागरिकगण एवं छात्र-छात्राएं को नये कानूनों की जानकारी दी गई। दुर्ग कमिश्नर और इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति सत्यनारायण राठौर ने बताया कि 1 जुलाई 2024 से 3 नये कानून लागू होने वाला है इस कानून को हम सबको जानने की आवश्यकता है। सामान्यतः जो कानून के बारे में जानता है, सामान्य जीवन में भी कानून का उल्लंघन कम करता है। अनजाने में जो लोग कानून को तोड़ते हैं, अनावश्यक कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाते हैं अपना समय खराब एवं धन खराब करेंगे। आप सभी ने देखा होगा कि डिस्टिक कोर्ट हो या रिवेन्यू कोर्ट सबसे ज्यादा वहां सीधे-साधे एवं गांव के लोग देखने को मिलते हैं। पढ़े-लिखे और समझदार लोग कोर्ट-कचहरी में कम दिखेंगे। गांव के सीधे-साधे लोग को कानून का ज्ञान नहीं होता और अनजाने में ही कानून का उल्लंघन कर जाते हैं। कानून की प्रक्रिया में एक बार घुस गये तो हम सभी जानते हैं कि न्यायालय प्रक्रिया बहुत जटिल है, इसी जटिलता को दूर करने के लिये ही देश में तीन नये कानून लाया गया है। देश में की 3 क्रिमिनल लॉ अब आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता, सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य संहिता ले लेगी। इन तीनो कानूनों को दंड संहिता से न्याय संहिता बनाया गया है। ताकि सबको आसानी से न्याय मिल सके, दंड की बजाय हम न्याय की ओर आगे बढ़ सके। तिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश श्री चन्द्र कुमार कश्यप ने बताया की बताया है कि 1जुलाई से कानूनी नियमों में बदलाव होगा, यह महत्वपूर्ण है कि सभी लोग नए नियमों का पालन करें। उन्होंने कहा कि नियम सबके लिए बराबर है, दंड संहिता को न्याय संहिता में बदला गया। एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हम सभी को इस नये कानून का ज्ञान होना चाहिए। कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा ने कहा एक जुलाई से भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 प्रभावी होंगे। इसका उद्देश्य आमजनता को त्वरित रूप से न्याय दिलाकर राहत प्रदान करना है, इसलिए नवीन कानून के बारे में जानकारी होना बहुत आवश्यक है। सभी के लिये आवश्यक है कि स्वयं भी इन कानूनों को समझें तथा दूसरों को भी जागरूक करें। वरिष्ठ अधिवक्ता मिहिर झा ने बताया की कानून में क्षमा का कोई प्रावधान नहीं है, भले ही भूलवश कोई अपराध हुआ हो, सजा जरूर मिलेगी। जो 3 नये कानून बनाये गये है उसमें बहुत अच्छा प्रावधान है। अब धारा 420 ठगी के स्थान पर धारा 318 बन गया। उन्होंने बताया की नये कानून में धाराओं में बहुत ज्यादा बदलाव किया गया है। जो पहले हत्या का मामला धारा 320 को अब धारा 103 कहा जायेगा। उन्होंने बताया की अंग्रेजी ने जो आईपीसी दंड सहित अपने हिसाब से बनाया गया था जिसे अब सुधार कर न्याय संहिता बनाया गया इस प्रकार नवीन कानून में धाराओं को बदलकर नई धारा उसमे जोड़ी गई है। पहले आईपीसी में 511 धाराएं थी, उन्होंने शॉर्ट किया गया है। नवीन कानून में महिलाओ को ज्यादा अधिकार दिये गये है। महिलाओं के साथ अपराध होने पर केवल एकल साक्ष्य के आधार पर न्यायलय घटना को सुनकर ही सजा का प्रावधान है। अपर कलेक्टर प्रेम कुमार पटेल ने आयोजित कार्यशाला में कानून के उद्देश्य इसके नवीन प्रावधानों आदि के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। एडिशनल एसपी नेहा पांडे ने बताया कि नये कानून की जानकारी छत्तीसगढ़ पुलिस की वेबसाइट पर उपलब्ध है। इस वेबसाइट में जाकर प्रामाणिक जानकारी ले। यह सभी बातें सामान्य भाषा में बताई गई हैं, जिससे आम लोगों को समझने में आसानी होगी। उन्होंने बताया की नये न्याय सहिता में बच्चों और महिलाओं के साथ अपराध करने पर कठोर कार्रवाई के अलावा मृत्युदंड तक का प्रावधान दिया गया है।

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