निजात : विश्वविद्यालय में नशे के विरूद्ध लघु फिल्म, गीत व नाटक के माध्यम से छात्रों को दी गई जानकारी

विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ विधायक, एसपी व ओएसडी हुये शामिल
छ: सौ छात्र-छात्राओं व शोधार्थियों सहित गणमान्य नागरिकों ने सराहा
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. राजनांदगांव पुलिस द्वारा नशे के विरूद्ध सशक्त तरीके से चलाये जा रहे नशा मुक्ति अभियान को लेकर इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में प्रेरणादायी व अविस्मरणीय कार्यक्रम संपन्न हुआ. नवीन प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम में 600 छात्र-छात्राओं व शोधार्थियों सहित नगर के गणमान्य नागरिक सम्मिलित हुये वहीं विशेषतौर पर विश्वविद्यालय में निजात अभियान को सफल बनाने विधायक यशोदा वर्मा, विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ.ममता चंद्राकर, एसपी राजनांदगांव संतोष सिंह, ओएसडी डॉ.जगदीश सोनकर, ओएसडी पुलिस अंकिता शर्मा, एसडीओपी दिनेश सिन्हा, थाना प्रभारी नीलेश पांडेय, नगर पालिका अध्यक्ष शैलेन्द्र वर्मा व विवि के कुलसचिव प्रो.आईडी तिवारी सहित विश्वविद्यालय के अधिष्ठातागण व विभागाध्यक्ष मौजूद थे. गरिमामय आयोजन में सर्वप्रथम माँ शारदा की दीप पूजा उपरांत विवि के नाट्य विभाग व राजनांदगांव पुलिस द्वारा निजात अभियान के तहत बनाये गये प्रेरणादायी लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया वहीं गीत व नाटक के माध्यम से भी नशे के विरूद्ध संदेश दिया गया.

अतिथियों के प्रेरणादायी उद्बोधन ने दी छात्रों को नई दिशा
निजात कार्यक्रम के तहत अतिथियों के प्रेरणादायी उद्बोधन ने छात्रों को नई दिशा दी, समूचा आयोजन प्रेरणादायी रहा. कुलपति ने कहा कि युवा वर्ग का नशे की ओर अधिक जाना चिंताजनक है, उन्होंने कहा कि संगीत व कला से बढक़र जीवन में और कोई नशा नहीं जो न केवल आपके जीवन को सुकुन देता है बल्कि आपका जीवन भी बनाता है. विधायक ने कहा कि नशा न केवल व्यक्ति का शरीर बिगाड़ता है बल्कि पूरे परिवार को भी हानि पहुंचाता है इसलिये प्रत्येक व्यक्ति को संकल्प लेना चाहिये कि वो नशे से दूर रहे और प्रभु नाम का नशा करे. उन्होंने कहा कि हम महंगी गाड़ी लेते हैं जो डीजल-पेट्रोल से चलती है लेकिन खराब हो जाने के डर से उसमें हम कभी मिट्टी तेल नहीं डलवाते फिर अमूल्य मानव शरीर में शराब व नशीले पदार्थ क्यों डालते हैं.
एसपी श्री सिंह ने कहा कि मानव जीवन में नशा सबसे बड़ी सामाजिक बुराई है, यह दुर्भाग्यजनक है कि कुछ नशे की प्रवृत्तियों को परंपरागत रूप से समाज में सहज स्वीकारोक्ति मिल गई है वहीं यह भी बड़ी खराब बात है कि छत्तीसगढ़ में 35.6 फीसदी लोग शराब का सेवन करते हैं और छत्तीसगढ़ देश में शराब सेवन के मामले में पहले नंबर पर है और ऐसा ही रहा तो छत्तीसगढ़ उड़ता पंजाब बन जायेगा. श्री सिंह ने नेशनल क्राइम ब्यूरो की रिपोर्ट का हवाला देते हुये बताया कि देश में होने वाले 100 में से 29 अपराध नशे के कारण घटते हैं. उन्होंने निजात को एक सामाजिक प्रयास बताते हुये अधिक से अधिक भागीदारी की बात कही.
खैरागढ़ में पदस्थ ओएसडी आईएएस डॉ.जगदीश सोनकर ने अपने चिकित्सकीय जीवन के अनुभव को छात्रों के साथ बांटते हुये बताया कि छात्र अमूमन मैत्री व्यवहार के कारण नशे के गिरफ्त में आते हैं और इसकी लत लग जाती है जो जीवन भर उसे जकड़ लेती है. छात्र जीवन में सफलता व बेहतरी के लिये उन्होंने कहा कि नशे से दूर रहना ही छात्र जीवन की पहली सफलता है.
ओएसडी पुलिस अंकिता शर्मा ने कहा कि राजनांदगांव में चलाये जा रहे निजात कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है यह सभी के लिये गर्व की बात है. निजात की सफलता इस बात पर है कि हम खुद जागरूक होकर दूसरों को भी जागरूक करें और नशे के विरूद्ध इच वन टीच फाइव के कॉन्सेप्ट के साथ अपने दायित्वों की पूर्ति करें वहीं छात्र जीवन में अपनी हॉबी का चयन कर आगे बढ़ें. कार्यक्रम का सफल संचालन प्रो.राजन यादव ने किया. इससे पहले एसडीओपी श्री सिन्हा ने निजात कार्यक्रम की सारगर्भित जानकारी देते हुये इसकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला. इस दौरान चिन्हारी के निर्देशक प्रेम चंद्राकर, प्रो.नमन दत्त, नपा उपाध्यक्ष अब्दुल रज् जाक खान, आकाशदीप सिंह गोल्डी, डॉ.किरण झा, टीआई राजेश साहू, जितेन्द्र डहरिया, बिलकिस खान, प्रियंका पैकरा, कोमल नेताम सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक सहित छात्रगण मौजूद थे.