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नगर पालिका में आगजनी को लेकर झूठा बयान देने वाले कर्मचारियों के खिलाफ होगा मामला दर्ज

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. नगर पालिका में आगजनी की घटना को अंजाम देने वाले 14 कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने न्यायालय ने निर्देश जारी किया है। जानकारी अनुसार बीते 6 साल पहले अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही नहीं किए जाने को लेकर 2 लोगों ने नगर पालिका में आगजनी की घटना को अंजाम दिया था जिनके खिलाफ नगर पालिका के 14 कर्मियों को गवाह बनाए जाने के बाद भी मामले में आरोपियों के खिलाफ गवाही नहीं दिए जाने पर न्यायालय ने सभी तत्कालीन कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिया है। बता दे कि 1 अक्टूबर 2019 को ईतवारी बाजार स्थित अग्रसेन चौक का अतिक्रमण हटाने पालिका में आवेदन दिए जाने के बाद भी पालिका द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई जिसके विरोध में कथित रूप से उत्तम लोहार एवं राजेन्द्र अग्रवाल द्वारा पालिका कार्यालय में पहुंचकर कर्मचारियों के कार्यों में बाधा डालने, पेट्रोल डालकर पालिका में आग लगाने तथा आगजनी की घटना में एक महिला कर्मचारी शोभा यादव के घायल होने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया था। मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायालय खैरागढ में चल रही थी जिसमें उत्तम लोहार व राजेन्द्र अग्रवाल को पुलिस ने आरोपी बनाकर जेल भेजा था। मामले में पालिका के कर्मचारियों सहित 14 लोगाें को पुलिस ने गवाह बनाया था। उक्त मामले में सुनवाई के दौरान सभी गवाहों ने घटना के दौरान उपस्थित नही होने का हवाला न्यायालय में दिया जिसके चलते सबूतों के अभाव में दोनों आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया गया लेकिन दूसरी ओर सार्वजनिक रूप से जनता से जुडे़ शासकीय कार्यालय में इस तरह की घटना होने के बाद भी मौजूद कर्मचारियाें द्वारा मिथ्यापरक गवाही देने और बयान बदलने पर अपर सत्र न्यायाधीश चंद्र कुमार कश्यप ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए सतर्कता की बजाय कर्तव्य में लापरवाही बरतने पर स्वत संज्ञान लेकर गवाह बने तत्कालीन कर्मचारियो सहित 14 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। इन गवाहों में नीलकंठ घरडे, कुलदीप झा, राहुल द्विवेदी, नरेश वर्मा, उत्कर्ष यदु, गौरव केशरवानी, मनोज शुक्ला, शोभा यादव, लेखराज श्रीवास, प्रदीप अग्रवाल, किशोर ठाकुर, विजय भट्ट व नरेन्द्र कुमार शामिल है जिनके द्वारा न्यायालय में अभियोजन का समर्थन नही किये जाने के आधार पर उनके विरूद्ध कार्यवाही कर धारा 340 एवं 344 के अंतर्गत मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।

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न्यायालय ने कहा यह कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही

मामले में आरोपियों को संदेह के आधार पर दोषमुक्त करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश श्री कश्यप ने गवाह कर्मचारियों व अन्य लोगों को कर्तव्य के प्रति लापरवाह मानते हुये आदेश में लिखा कि मामले के फोटोग्राफ्स सहित अन्य सबूत घटना को इंगित कर रहे हैं। इसके बाद भी घटना दोपहर बाद पौने चार बजे होने के दौरान पालिका के कर्मचारियाें द्वारा लंच के लिए जाने, बैंक जाने, अन्य फील्ड में रहने की जानकारी दी गई जो उक्त अवधि में कार्यालयीन कर्तव्य व कार्य की प्रवृति को देखते संभव प्रतीत नहीं होता। कर्मचारियों का कृत्य घोर लापरवाही को उजागर करता है। न्यायालय ने कहा कि संबंधित कर्मचारियों के कार्यों के प्रति लापरवाही स्पष्ट परिलक्षित हुई है जो काफी गंभीर मामला है। पालिका में ऐसी घटित घटना के बाद भी कर्मचारियों का कृत्य लापरवाही को उजागर करता है। तथ्यों के आधार पर कर्मचारियाें द्वारा कार्यालय में झूठी आगजनी की घटना को स्वीकारने के बावजूद इस संबंध में पुलिस कथन के विपरीत न्यायालय में दिए गए कथन को भी न्यायालय ने गंभीर माना है। इसके आधार पर कर्मचारियाें द्वारा जानबूझकर आशयपूर्ण मिथ्या साक्ष्य दिया गया है जिसके लिए न्यायालय ने सभी 14 लोगों पर मामला दर्ज किए जाने के निर्देश दिए हैं। मामले को लेकर अपर लोग अभियोजक राजेश खांडेकर ने बताया कि उक्त मामले में न्यायालय ने स्वतः ज्ञान लिया है अब मामले से जुड़े सभी 14 कर्मचारियों के विरुद्ध नोटिस जारी किया जाएगा।

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