
प्रशासन ने सुधार की तिथि बढ़ाने का दिया आश्वासन
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़। खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में इस वर्ष धान पंजीयन प्रक्रिया गंभीर अव्यवस्था और अनियमितताओं की भेंट चढ़ गई है। जिले के अनेक गांवों यथा विचारपुर (ठेलकाडीह), सिंगारघाट (पांडादाह) सहित छुईखदान, गंडई और साल्हेवारा क्षेत्र के किसानों की ऑनलाइन गिरदावरी तथा धान उपज संबंधी जानकारी राजस्व पोर्टल पर प्रदर्शित न होने से बड़ा संकट उत्पन्न हो गया है। खेतों का वास्तविक रकबा तथा उपज का रिकॉर्ड गलत अथवा अधूरा दिखने के कारण सैकड़ों किसान धान विक्रय पंजीयन से वंचित रह गए हैं। किसानों का आरोप है कि राजस्व विभाग के कर्मचारियों द्वारा गिरदावरी रिपोर्ट गलत तरीके से तैयार की गई जिससे कई किसानों का रकबा पोर्टल पर शून्य दर्ज हो गया जबकि कुछ की उपज जानकारी पूरी तरह गायब है। किसानों का कहना है कि भौतिक सत्यापन होने के बावजूद ऑनलाइन रिकॉर्ड अपडेट नहीं किया गया।
तहसील कार्यालय पर जिम्मेदारी थोप रहे पटवारी
किसानों ने जब पटवारियों से सुधार की मांग की तो उन्होंने जिम्मेदारी तहसील कार्यालय पर डालते हुए कहा कि अब सुधार का अधिकार केवल तहसीलदार के पास है। इस बीच किसान कई दिनों से तहसील कार्यालयों के चक्कर काटते रहे लेकिन 25 नवम्बर को पंजीयन की अंतिम तिथि समाप्त होने तक समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।
किसानों की मांग-पंजीयन की तिथि बढ़ाकर त्रुटिपूर्ण रकबे में सुधार किया जाए
इन त्रुटियों के चलते बड़ी संख्या में किसान पंजीयन से वंचित रह गए हैं जिससे आगामी समर्थन मूल्य पर धान बेचने का उनका अधिकार भी संकट में पड़ सकता है। किसानों ने इसे राजस्व विभाग की गंभीर लापरवाही बताते हुए कहा कि गलत गिरदावरी और समय पर सुधार न होने से वे आर्थिक संकट की स्थिति में पहुंच गए हैं। ग्रामीण अंचल में किसान लगातार मांग कर रहे हैं कि पंजीयन की अंतिम तिथि बढ़ाई जाए और गलत प्रविष्टियों को सुधार कर सही रिकॉर्ड तत्काल ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाए।
किसान समर्थन मूल्य पर धान विक्रय से वंचित नहीं होंगे- एडीएम
लगातार शिकायतों और किसानों की बढ़ती नाराजगी के बीच प्रशासन ने स्थिति स्पष्ट करते हुए आश्वासन दिया है कि किसी भी किसान को समर्थन मूल्य पर धान विक्रय से वंचित नहीं रहने दिया जाएगा। जिले के एडीएम सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि जिन किसानों की गिरदावरी का भौतिक सत्यापन या ऑनलाइन सुधार किसी कारणवश छूट गया है उन्हें चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। प्रशासन पंजीयन व सुधार तिथि बढ़ाने की प्रक्रिया में है। तहसील कार्यालयों और प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों में अतिरिक्त व्यवस्था की जा रही है वहीं कृषि विभाग, आरआई और पटवारियों को रकबा सुधार कार्य तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। एडीएम श्री ठाकुर ने कहा कि शासन की मंशानुरूप जिले के प्रत्येक पात्र किसान से वाजिब तौर पर धान खरीदी सुनिश्चित की जाएगी और पंजीयन संबंधी सभी त्रुटियों का निवारण प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है।