धान पंजीयन के लिए लगभग सुधार करने भटक रहे कृषक
जिपं सभापति व ग्रामीणों ने कलेक्टर को सौपा ज्ञापन
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. धान पंजीयन में फसल रकबा सुधार करने जिले के किसान धान पंजीयन और रकबा में अंतर के कारण तहसील कार्यालयों में भटक रहे हैं। वर्ष 2023-24 में किसानों का धान पंजीयन और रकबा में अंतर के कारण जिलेभर के किसान परेशान हैं।जिला पंचायत सभापति विप्लव साहू और किसान नेता खेमराज जैन सहित किसानों के साथ जिला कलेक्टर को उक्त समस्या को लेकर ज्ञापन सौंपा गया. पंजीयन वारिसान तथा रकबा में सुधार कराने खैरागढ़ और छुईखदान तहसील कार्यालय में भटकाव की स्तिथि हैं।तहसील कार्यालय में खुलेआम रिश्वत की शिकायतजिले के तहसील कार्यालयों में किसानों से पैसा लेकर, उनको व्यवस्थित करने के नाम पर रिश्वत लेने की लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही है। इस भ्रष्ट व्यवस्था पर तत्काल रोक लगाते हुए इस प्रक्रिया को ठीक करते हुए सरलीकरण करने की मांग किसान नेताओं ने की है। वैसे भी बारिश के कारण किसान धान बेचने में काफी दिक्कतों का सामना कर रहा है और समितियां में बफर लिमिट से अधिक धान जाम पड़ा है। किसान जब टोकन कटाने के लिए समितियां में जाते हैं तो समिति के प्रबंधक व कर्मचारियों द्वारा हिला-हवाला देते हुए जल्दी टोकन जारी नहीं कर रहे हैं। ज्ञात हो कि धान खरीदी के लिए सिर्फ 30 दिन का समय है। जानकारी में आया है कि 600 प्रकरण लंबित है और उसे ठीक करने के लिए किसानों को 10-15 दिन का समय दिया जाता है और किसान तहसील कार्यालय के चक्कर काटते रहते हैं। उक्त समस्याओं का निराकरण करने व किसान हित में व्यवस्था सुधारने शासन से मांग की गई हैं.