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छत्तीसगढ़पॉलिटिक्स

88 वर्षीय विश्वभूषण हरिचंदन बने छत्तीसगढ़ के नये राज्यपाल

सत्यमेव न्यूज़/रायपुर. भाजपा के उम्रदराज नेता व आंध्र प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल रहे श्री विश्वभूषण हरिचंदन को छत्तीसगढ़ का नया राज्य पाल नियुक्त किया गया है, वे छत्तीसगढ़ राज्य के 7वें गवर्नर होंगे।

उम्रदराज पर तेजतर्रार नेता है हरिचंदन

3 अगस्त 1934 को उड़ीसा में जन्मे 88 वर्षीय श्री विश्वभूषण हरिचंदन मूल रूप से एक राजनीतिज्ञ व शुरूआती दौर में वकील रहे है, उनकी पहचान लेखक के रूप में भी रही है और राजनीति में उनकी छवि एक तेजतर्रार नेता की रही है वे कानून के जानकार भी है, संभवतः यही वजह है कि उन्हें मौजूदा परिस्थितियों के मुत्तलिक छत्तीसगढ़ के राज्य पाल की महती जवाबदारी दी गई है।

जानिए छत्तीसगढ़ के नये राज्य पाल का राजनीतिक सफ़र

श्री हरिचंदन का राजनीतिक सफ़र संघर्षपूर्ण रहा है, वे 1971 में भारतीय जनसंघ में शामिल हुए और 1977 में जनता पार्टी के गठन तक इसके राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य और इसके राज्य महासचिव बने। आपातकाल के दौरान उन्हें मीसा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया था। 1980 में बीजेपी के गठन के बाद, जनता दल के साथ हाथ मिलाने से पहले 1988 तक उन्हें राज्य का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। 1996 में वे वापस भाजपा में चले गए।

हरिचंदन पांच बार ओडिशा राज्य विधान सभा के लिए चुने गए थे। भाजपा के सदस्य के रूप में चिल्का विधानसभा से 1977 के विधानसभा चुनाव से शुरुआत करते हुए, वह 1990 में जनता दल के टिकट के साथ सत्ता में वापस आए। हरिचंदन तीसरी बार चुने गए, इस बार 1997 के उपचुनाव में भुवनेश्वर सेंट्रल सीट से, और लगातार तीन बार एक ही निर्वाचन क्षेत्र से सदस्य बने रहे। वह 2004 में बीजद-भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में कैबिनेट मंत्री भी थे। उन्होंने इस दौरान कानून, राजस्व और मत्स्य मंत्रालय, ओडिशा सरकार में कैबिनेट मंत्री का भलीभांति दायित्व भी संभाला। जुलाई 2019 में, उन्हें आंध्र प्रदेश का 23वां राज्यपाल नियुक्त किया गया और “विश्वभूषण हरिचंदन ने आंध्र प्रदेश के पहले पूर्णकालिक राज्यपाल के रूप में शपथ ली”।

कोरोना से जीत चुके है जंग

कोरोना महामारी के दौरान वे भी संक्रमित हुए थे और 17 नवंबर 2021 को हरिचंदन को COVID-19 का पता चला था।
हरिचंदन को 2021 में बहुप्रतिष्ठित कलिंग रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। हरिचंदन ने कई किताबें लिखी हैं जिनमें मरुबतास, महासंग्रामर महानायक, बक्शी जगबंधु, पाइका विद्रोह और उनकी आत्मकथा संघर्ष शामिल हैं। श्री हरिचंदन अनुभवी भाजपा नेता के रूप में अपनी एक अलग पहचान रखते है।

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