दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कला सेमिनार में शामिल हुये किशोर

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. दिल्ली में कला के माध्यम से शैक्षिक विकास विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में माध्यमिक शाला बैहाटोला के नवाचारी प्रधान पाठक किशोर शर्मा शामिल हुये। उन्होंने कहा कि कला इंसान की अभिव्यक्ति का पहला माध्यम है इसे योग की तरह माना गया है। सीखना या अधिगम एक व्यापक, सतत् एवं जीवन पर्यन्त चलने वाली महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। मनुष्य जन्म के उपरांत ही सीखना प्रारंभ कर देता है और जीवन भर कुछ न कुछ सीखता रहता है। धीरे-धीरे वह अपने को वातावरण से समायोजित करने का प्रयत्न करता है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से छात्रों की पढ़ाई के साथ-साथ कौशल विकास भी किया जाएगा जिसमें न्यूनतम कक्षा से ही बच्चों को योग, संगीत, नृत्य, खेल और मूर्तिकला आदि विषयों में प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि छात्र पढ़ाई के साथ अन्य कौशलों में भी निपूर्ण हो पाये। नई शिक्षा नीति के माध्यम से शैक्षिक पाठ्यक्रम में भाषाओं को लेकर कई विकल्प रखे गये हैं। यदि शैक्षिक पाठ्यक्रम में कोई छात्र अपनी क्षेत्रीय भाषा अथवा मातृभाषा को पढ़ना चाहता है तो वह आसानी से उन्हें पढ़ सकता है। नई शिक्षा नीति में शैक्षिक पाठ्यक्रम के साथ-साथ उनके कौशल पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया जाएगा वहीं मेन सिलेबस में भी एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज को शामिल किया जा रहा है। वोकेशनल पढ़ाई के भीतर बागवानी, मिट्टी के बर्तनों को बनाना, बिजली का काम और लकड़ी का काम सिखाना आदि कार्य सम्मिलित किये गये हैं। उन्होंने आगे कहा कि मैंने कला सीखी है जिसका लाभ अपने शाला के बच्चों को देता हूँ। उक्त कला में गमला बनाना, पेन स्टेंड, अगरबत्ती स्टेंड बनाना, पेपर वेट, गणेश की मूर्ति, कोलाज व पेंटिंग आदि है।

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