त्यौहार के बाद नगर सहित ग्रामीण अंचल में जगह-जगह बिखरा पड़ा हैं कचरा

दीवाली तो मनाई पर भूल गये जिम्मेंदारी
सफाई अभियान में अपनी पीठ थपथपाने वाले छुट्टी में
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. दीपावली में जमकर हुई आतिशबाजी और मौज मस्ती के बाद नगर सहित ग्रामीण अंचल में अब कचरा जगह-जगह बिखरा पड़ा हैं. क्या आम क्या खास सबने कोरोना काल के बाद मिली रियायत में खूब आनंद उत्सव मनाया लेकिन दीवाली के बाद अपनी जिम्मेदारी भूल गये. त्यौहार के बाद लोग भूले तो भूले पालिका भी अपनी जिम्मेदारी निभाना भूल गई हैं, सफाई अभियान के तहत त्यौहार के दूसरे दिन ही नगर का कचरा साफ हो जाना चाहिये था, परंतु दीपावली त्यौहार ने स्वच्छता अभियान की पोल खोलकर रख दी. शुरूआत में प्रशासनिक अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने स्वच्छता अभियान को लेकर खूब सुर्खियां बटोरी थी. क्या आम, क्या खास लगभग सभी वर्ग के लोग स्वच्छता अभियान की राग अलाप रहे थे लेकिन अब यह अभियान महज एक औपचारिकता बनते दिख रहा हैं. जिसका जीवंत उदाहरण दीपावली त्यौहार के बाद नगर के चौक-चौराहों में देखने को मिल रहा हैं वहीं ग्रामीण इलाकों में भी सफाई व्यवस्था बदहाल हैं. सच यहीं हैं कि लोगों ने त्यौहार में जमकर गंदगी की है और अपने घरों के आसपास कूड़ा-करकट फैकने में कोई कोताही नहीं बरती. खासतौर पर पटाखे जलाने वालों ने तो जहां एक ओर प्रदूषण की गत बिगाडऩे कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी वहीं पटाखों के छूटने और फूटने के बाद कचरों को व्यवस्थित करने कोई सहानुभूति नहीं दिखाई.

जमकर हुआ पॉलीथीन का उपयोग
प्रदेश सहित नगर में पॉलीथीन कैरी बेग पर प्रतिबंध को लेकर शासन प्रशासन ने शुरूआती दौर में जमकर नियम-कायदों के ढोल पीटे और शुरूआती दिनों में अधिकारियों द्वारा कार्रवाई भी देखने को मिली लेकिन समय बीतने के साथ ही यह प्रतिबंध भी फाईलों में दबकर रह गई जिसके चलते इस दीवाली नगर में जमकर पॉलीथीन कैरी बेग व अन्य प्रतिबंधित चीज का जमकर उपयोग किया गया.
प्रतिबंध के बाद भी बिके चायनीज फटाखें
अंचल में प्रतिबंध के बाद भी जमकर चायनीज फटाखों की बिक्री हुई. दुकानदार अधिक मुनाफें के कारण चायनीज फटाखों की बिक्री मोह में फंसे रहे और जागरूकता के अभाव के कारण अधिकांश लोगों ने भी चायनीज फटाखों की खरीददारी की वहीं चायनीज ब्लब की बिक्री भी खूब हुई. इस ओर प्रशासन की मुहिम और अभियान ठंडे बस्ते में ही रहा. प्रतिबंधित चीज का जमकर उपयोग हुआ और कहीं रोक-टोक देखने को नहीं मिली.
गांव-गांव में बिकती रही अवैध शराब
दूसरी ओर दीपावली त्यौहार पर अंचल के गांव-गांव में अवैध शराब की जमकर बिक्री हुई. सरकार शराब दुकान में शराबप्रेमियों का दिनभर तांता लगा रहा वहीं पुलिस तथा आबकारी विभाग के मौन साधे रहने से गांव-गांव में सक्रिय शराब कोचिये भी जमकर अवैध शराब की बिक्री की. अंग्रेजी व देशी दोनों दुकानों में शराब कर्मचारियों और उनके नुमाइंदों के इशारे पर तय दर से कहीं अधिक दाम पर शराब बेची गई. दीपावली पर्व से पहले शराब कोचिये सक्रिय नजर आये और त्यौहार निकलते तक रोजाना अवैध शराब की बिक्री होती रही. यह पहला साल है जब जिला निर्माण के बाद भी अवैध शराब की रोकथाम के लिये पुलिस और आबकारी विभाग निष्क्रिय नजर आयी और शराब बिक्री को लेकर एक तरह से प्रशासन ने खुली छुट दे रखी थी, नतीजतन गांव-गांव में जमकर शराब की बिक्री हुई.