
दीपावली पर मिठाइयों की मांग चरम पर इसलिए मिलावटखोर सक्रिय
कागजों में निरीक्षण अभियान, जमीनी स्तर पर नहीं दिखी कोई कार्रवाई
न पैकिंग, न लैब टेस्ट-उपभोक्ता की थाली तक सीधे मिलावट
प्रशासन नहीं जागा तो दीप पर्व बन सकता है बीमारी का कारण
त्योहारी सीजन में निरीक्षण शून्य, कार्रवाई के नाम पर बयानबाजी
सत्यमेव न्यूज के लिये मनोहर सेन खैरागढ़। दीपावली का त्योहारी मौसम आते ही मिठाइयों की मांग बाजारों में तेजी से बढ़ गई है लेकिन इस बढ़ी हुई मांग के साथ मिलावटखोरों के हौसले भी बुलंद हो गए हैं। खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में नकली मावा और मिलावटी मिठाइयों का कारोबार खुलेआम फल-फूल रहा है जबकि खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी मानो कुंभकर्णी नींद में सोए हुए हैं।
मिलावटी मिठाइयों का ‘ओपन मार्केट’, खाद्य विभाग मूकदर्शक
जिले भर में खाद्य सामग्रियों की जांच को लेकर विशेष अभियान की घोषणाएं की गई लेकिन खैरागढ़ क्षेत्र में यह महज औपचारिकता बनकर रह गया। न तो मिठाई दुकानों पर अचानक जांच की गई न ही कोई नमूना परीक्षण की कार्यवाही सामने आई। स्थानीय नागरिक सवाल उठा रहे हैं कि आखिर विभाग के अधिकारी किसका इंतजार कर रहे हैं-बीमारी फैलने का या हादसा होने का? यह मामला न केवल प्रशासन की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाता है बल्कि जनस्वास्थ्य के प्रति गंभीर जवाबदेही की मांग भी करता है। दीपावली की मिठास बनी रहे, इसके लिए मिलावट पर नकेल कसना ज़रूरी है।
खुले में बिक रही घटिया मिठाई, सफाई व्यवस्था नदारद
खैरागढ़, छुईखदान और गंडई के कई मिठाई प्रतिष्ठानों में साफ-सफाई का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा। कई जगहों पर तो मिठाइयाँ धूल और मक्खियों के बीच खुले में सजी नजर आईं। गाइडलाइन के अनुसार मिठाइयों को ढककर रखने, लाइसेंस प्रदर्शित करने और लैब टेस्ट रिपोर्ट उपलब्ध कराने का नियम है लेकिन अधिकांश दुकानों में इसका पालन नहीं हो रहा।
जनता का सवाल- यह लापरवाही नहीं, जनस्वास्थ्य से खिलवाड़
स्थानीय व्यापारियों और जागरूक नागरिकों ने प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि बिना सख्त निरीक्षण और जुर्माने के यह मिलावट माफिया नहीं रुकेगा। दीपावली जैसे पर्व पर जहां लोग खुशियों में मिठाई बांटते हैं वहीं मिलावटखोर इस भावनात्मक मौके को ज़हर परोसने में बदल रहे हैं।
सवालों के घेरे में विभाग- क्या पेट भर चुका या जिम्मेदारी खत्म?
मामले को लेकर शिक्षित जनमानस का कहना है कि अगर विभाग सक्रिय होता तो मौकों पर छापेमारी दिखती, दुकानों से नमूने लिए जाते और दोषी दुकानदारों को नोटिस जारी होता। लेकिन अब तक ऐसा कुछ नहीं हुआ, जिससे शंका गहराती जा रही है कि कहीं यह ‘मौन समर्थन’ तो नहीं?
जिले में गठित किया जाए तुरंत संयुक्त निरीक्षण दल
इस लापरवाही को लेकर मांग की जा रही है कि जिला प्रशासन फौरन मिठाई दुकानों से रैंडम सैंपल लेकर लैब जांच कराये।मिलावट पकड़े जाने पर लाइसेंस रद्द कर और मिलावटखोरों पर जुर्माना अनिवार्य किया जाए।
बहरहाल मामले को लेकर जिला खाद्य अधिकारी भुवनेश्वर चेलक को उनके दूरभाष नंबर 9691348118 लगातार संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने कॉल ही रिसीव नहीं कि इसे समझा जा सकता है कि विभाग जिम्मेदारियों को लेकर कितना सतर्क और संवेदनशील है।