दो दिनों तक धरना प्रदर्शन कर कर्मचारियों की आवाज बुलंद
सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ़. तीन सूत्रीय मांग को लेकर जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ ने रैली निकाल कर जिला मुख्यालय खैरागढ़ में धरना प्रदर्शन किया।
विगत 21 एवं 22 अक्टूबर को आयोजित विरोध प्रदर्शन में दो दिनों तक संघ से जुड़े पदाधिकारी एवं सदस्यों ने धरना प्रदर्शन किया, इस दौरान कर्मचारियों ने जायज मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार के विरुद्ध अपनी आवाज बुलंद की है। आंदोलन के दूसरे व अंतिम दिन जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ केसीजी के बैनर तले विरोध प्रदर्शन कर रहे संघ के जिला अध्यक्ष यशवंत वर्मा, उपाध्यक्ष रूपनारायण हिरवानी व आरिफ खान, कोषाध्यक्ष बालकिशन वर्मा, सचिव लोकेश देवांगन, शंकर के संरक्षक थान सिंह राजपूत, जीतेन्द्र कौशिक, सहसचिव चंद्र प्रकाश सिन्हा, संगठन मंत्री विवेक मिश्रा, रमेश ठाकुर मीडिया प्रभारी अशोक साहू शिवेंद्र साहू, प्रचार सचिव किशोरी वर्मा, शाखा प्रतिनिधि जगदीश जंघेल गंडई, कुंभ लाल वर्मा बुंदेली, चालेश्वर यादव साल्हेवारा, रोहित साहू छुईखदान, नरेश यादव खैरागढ़, महेश वर्मा बाजार अतरिया, थनेश्वर साहू मुढ़ीपार, कार्यकारिणी के वरिष्ठ सदस्य चालक वर्मा, दुलेश्वर मानिकपुरी, बलकरण मानिकपुरी, बलराम साहू, संजय वर्मा, मोरध्वज वर्मा, विदेश वर्मा, यादव राम, योगेश कुमार सहित पदाधिकारियों ने खैरागढ़ एसडीएम टंकेश्वर प्रसाद साहू को छत्तीसगढ़ शासन के खाद्य सचिव, सहकारिता सचिव, सहकारिता आयुक्त, अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक व कलेक्टर खैरागढ़ चंद्रकांत वर्मा के नाम ज्ञापन सौंप कर बताया कि धान खरीदी में सुखत का प्रावधान नहीं करने के कारण विपणन वर्ष 2024-25 में धान खरीदी करने कर्मचारी असमर्थ महसूस कर रहे है। धान खरीदी की नीति में आवश्यक संशोधन नहीं होने के कारण कर्मचारी परेशान है। मांग के बावजूद भी उपार्जन केदो में कर्मचारियों के लिए सुखत का कोई प्रावधान नहीं है जो शासन के एकतरफा अन्याय को दर्शाता है। कर्मचारियों ने बताया कि पिछले वर्ष धान खरीदी नीति में बफर लिमिट से ज्यादा खरीदी होने पर 72 घंटे के अंदर धन उठाओ कि नियमों को समाप्त कर दिया गया है ऐसे में धान का उठाव नहीं हो पाएगा जिससे समिति को नुकसान होता है और समिति के प्रबंधक सहित कर्मचारियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। इसके साथ ही कर्मचारियों ने समितियां में धान खरीदी के दौरान हो रहे सुखत को शून्य करने की मांग की है और तीसरे सेवा नियम 2018 में आंशिक संशोधन करते हुए पुनरक्षित वेतन लागू करने की मांग की है। मांग पूरी नहीं होने पर कर्मचारियों ने चरणबद्ध अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी भी दी है।