रात भर परिश्रम व चिकित्सकों की संवेदना के कारण बची मवेशियों की जान
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. ग्राम डोगराभाठा में अज्ञात बीमारी की चपेट में आने से लगभग 300 से अधिक मवेशी गंभीर रूप से बीमार हो गए. जानकारी अनुसार बीते गुरुवार को पशु चिकित्सालय जालबांधा के अधीन डोगराभाठा पशु औषधालय में पदस्थ पशु परिचारक को शाम तक़रीबन 7 बजे सूचना मिली कि गांव के पशुओं में अचानक किसी अज्ञात बीमारी के कारण एक गंभीर रोग फैल गया है. जांच पड़ताल के बाद पता चला कि लगभग 300 से अधिक मवेशी गंभीर रूप से बीमार हो गए हैं, पता चला कि मवेशियों ने कोई जहरीला चारा खा लिया है, जिसके बाद मवेशीयों को लगातार चक्कर आने लगा तथा मवेशी आंखों को गोल-गोल घुमा कर लड़खड़ाने लगे थे वहीं अधिकांश मवेशियों के पेट फूल गए थे और खड़े होने में मवेशियों को बहुत अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. मामले की जानकारी मिलने के बाद जालबांधा में पदस्थ पशु चिकित्सिका डॉ. ममता रात्रे, बिरजू रजक, धरमीचंद कुर्रे, संतराम जोशी व बसंत कुमार बंजारे सहित पशु सखी अमृता जोशी ने गांव पहुंचकर घर-घर अपनी दस्तक दी और पशुओं का तत्काल उपचार प्रारंभ किया. मवेशियों की तबीयत ठीक करने पशु चिकित्सा दल बीमार मवेशियों का अलसुबह 4:00 तक उपचार करता रहा. इससे पहले मामले की जानकारी उपसंचालक डॉ.अनूप चटर्जी सहित वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई, तदोपरांत डॉ.चटर्जी के निर्देशानुसार एवं जिला नोडल अधिकारी डॉ. राजीव शर्मा के मार्गदर्शन में खैरागढ़, छुईखदान, जालबांधा सहित मोबाइल वेटनरी यूनिट एवं पीआईडब्ल्यू की अलग-अलग सात टीम बनाकर डोगराभाठा गांव में मवेशियों का सघन उपचार शुरू किया गया और कुल 350 गंभीर लक्षण वाले बीमार मवेशियों का उपचार किया गया और वर्तमान में सभी मवेशी सुरक्षित है. इस आपातकालीन गंभीर स्थिति में पशुओं के तत्काल उपचार सुविधा उपलब्ध कराने में विशेष तौर पर पशु चिकित्सगण डॉ.ममता रात्रे, डॉ. तुषाँत रामटेके, डॉ तरुण रामटेके, डॉ सुनील त्रिपाठी, एवीएफओ बीसी पंद्रे, बिरजू रजक, धरमीचंद कुर्रे, घनश्याम बघेल, कैलाश मेंन्द्रे, विपिन केशर यादव, संतराम जोशी, बसंत बंजारे, प्रताप वर्मा, अमृता जोशी, सरपंच रसीद लाल साहू सहित ग्रामीणों का विशेष व सराहनीय योगदान रहा.