बाजार अतरिया में दो दर्जन से भी अधिक कृषि केंद्र संचालित
एक कृषि केंद्र पर कार्रवाई कर विभाग लूट रही वाहवाही
सोसायटियों मे बनी हुई है खाद की किल्लत
सत्यमेव न्यूज़/बाज़ार अतरिया. खैरागढ़ ब्लाक सहित बाजार अतरिया क्षेत्र मे इन दिनो कृषि केंद्रो मे जमकर खाद की कालाबाजारी का मामला सामने आ रहा है. जहां विभाग अभी भी कुंभकर्णीय गहरी नींद मे सोई हुई है. यानि विभाग अभी तक दफ्तर से उठकर ग्राऊंड लेबल ग्रामीण अंचल तक नही पहुंचा है. कुलर के हवा ने नौतपा मे मानो अधिकारियों को जकडक़र रख लिया है. हम बात कर रहे है खैरागढ़ ब्लाक का, जहां सैकड़ो कृषि केंद्र संचालित है. इन कृषि केन्द्रो के द्वारा खाद को ऊंचे दाम पर बेचने का शिकायत लगातार मिल रहा है.
एक तरफ सरकार किसानों को सोसायटी के माध्यम से खाद उपलब्ध कराने की ढिंढोरा पिट रही वही सोसायटियों से अभी तक किसानों को पर्याप्त मात्रा मे खाद नही मिल पाया है. इधर बाजार मे कृषि केन्द्रो मे बड़ी मात्रा मे खाद की खेप पहुंच रही है. आखिर सोसायटियो में खाद नहीं मिल रही लेकिन निजी कृषि केंद्र के खाद विक्रेता के पास कहा से खाद उपलब्ध हो रहा है और महंगे दाम में बेच कर किसानों से मोटा रकम की कमाई किया जा रहा है जो समझ से परे है. खेती किसानी के दिनो मे समय पर किसानों को खाद नही मिलना किसानो के पीठ पर छुरा घोंपने वाली बात हो गई है.
यानि समय पर खाद का नही मिलना समझ से परे है. खासबात यह है कि विपक्ष भी अभी तक मौन बैठा है ब्लाक मे जनहित के मुद्दों को लेकर आवाज़ उठाने वाला कोई दमदार जनप्रतिनिधि शायद कोमा मे ही है. और जीवंत पर्यंत तक सामने आ भी नही पायेगा. यानि यहां केवल राजनीतिक पार्टी मजबूत करने के लिए नेता सामने आते है. जबकि जनहित के मुद्दे पिछे रह जाते है. हाल ऐसा ही रहा तो अन्नदाता हमेशा ठगे जायेंगे वही खैरागढ़ शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र के बाजार अतरिया, पांड़ादाह, मुढ़ीपार, जालबांधा, बिजलदेही, बढ़ईटोला, डोकराभांठा सहित अन्य जगहों पर खाद की जमकर कालाबाजारी हो रही है.
कृषि अधिकारियों का कमाल, कृषि केंद्र संचालक हो रहे है मालामाल
बता दें कि ब्लाक सहित बाज़ार अतरिया क्षेत्र मे सैकड़ों कृषि केंद्रो मे बड़ी मात्रा मे खाद की खेप पहुंच रही है. लेकिन मजाल है कि यहां के अधिकारी कोई कृषि केंद्र मे दबिश दें. और देगा भी क्यों ? क्योंकि समय पर इन अधिकारियों तक मलाई जो पहुंच रही है. इससे साफ जाहिर होता है कि अधिकारी जानबूझकर कार्यवाही नही करते या फिर कार्यवाही करने से डरते है. या ये भी कह सकते है कि इधर कृषि केन्द्र के संचालको से अधिकारियों का तगड़ी सेंटिंग है ? कृषि विभाग के द्वारा अभी तक बिना किसी शिकायत के किसी भी कृषि केंद्रो मे दबिश नही दी है. यही कारण है कि कृषि केंद्रो के संचालको का हौसला दिनोंदिन बुलंद होते जा रहा है.
सोसायटियों मे खाद नही, किसान महंगे दामों में खाद खरीदने मजबूर
बता दें कि राज्य सरकार पिछले साल की तरह इस साल भी किसानों को पर्याप्त मात्रा मे खाद की व्यवस्था नही कर पा रही है. यही कारण है कि किसान उंचे दाम पर कृषि केंद्रों से खाद खरीदने मजबूर हो रहे है. दिलचस्प बात यह है कि इन कृषि केंद्रो के संचालकों के द्वारा पक्की बिल की बजाय कच्ची बिल थमा दी जा रही है. जहां किसानों को सीधा चुना लगा रहे है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान मे डीएपी का बाजार मूल्य 1350 रूपये है. जहां कृषि केंद्रो के संचालकों के द्वारा 1650 रूपये तक बेच रहे है. वही यूरिया का बाजार मूल्य 267 रूपये है, जिसको कृषि केंद्रो के द्वारा 400 रूपये तक बेचने का मामला सामने आया है.
अभी तक नही के बराबर हुआ है खाद का भंडारण
खैरागढ़ ब्लाक मे कुल 18 सेवा सहकारी समिति है जहां लगभग 15-16 हजार किसानो का सीधा जुडाव है. इन किसानों को अभी तक पर्याप्त मात्रा मे खाद उपलब्ध नही हो पाया है. जानकारी के मुताबिक ब्लाक मे लगभग दस हजार टन खाद की डिमांड है जिसमे केवल एक से दो हजार टन ही सोसायटियों मे खाद पहुंचने की खबर है. यानि किसान केवल ठगे जा रहे है. एक बात और समझ नही आता कि सरकार आखिर किसानों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों कर रही है. जबकि वही खाद कृषि केंद्रो मे आसानी मे मिल रहा है. राखड़ व पोटाश का तो अभी तक दर्शन नही है.
शिकायत पर कार्यवाही हो रही है, विभाग के कर्मचारियों को कृषि केंद्रो मे निगरानी रखने के लिए आदेश दे दिया है. अनावश्यक रूप से व अधिक दाम पर खाद बेचे जाने पर कार्यवाही का निर्देश दिया गया है.
सीपी नायक एसडीओ कृषि विभाग खैरागढ़
खाद का येलाटमेंट सेंट्रल गवर्नमेंट से होता है शासन स्तर पर अभी रेट तय नही हुआ है. यदि रेट तय हो जाता तो किल्लत कम हो जाती. रही सवाल कृषि केंद्रो का तो हमारे विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई है, उनके ही उपस्थिति मे दुकानदार खाद बेच सकेंगे.
एलबी जैन अनुविभागीय अधिकारी कषि विभाग खैरागढ़