ट्रेनिंग के बाद अग्निवीर पहुंचा अपने गांव, पिता व परिजनों के आँखों से छलके खुशी के आंसू
बाजे-गाजे के साथ ग्रामीणों ने किया भव्य स्वागत
सत्यमेव न्यूज बाजार अतरिया. स्थानीय बाजार अतरिया के निवासी अग्निवीर विवेक वर्मा का उनके गांव में शानदार स्वागत किया गया। सात महीने की कठिन ट्रेनिंग के बाद जब विवेक अपने गांव लौटे तो ग्रामीणों ने उन्हें फूल-माला के साथ स्वागत किया। यह स्वागत समारोह विशेष रूप से यादगार बना जब ग्रामीणों ने बाजे-गाजे के साथ विवेक को उनके घर तक छोड़ा। विवेक के घर पहुँचने पर उनका एक और भावुक पल सामने आया जब उन्होंने अपने माता-पिता को सलामी दी और अपना कैप पिता को पहनाया। यह दृश्य देख उनके पिता गर्व से अभिभूत हो गये। भारत सरकार की अग्निवीर योजना जो विशेष रूप से युवाओं के लिये शुरू की गई है। इस योजना के तहत युवाओं को चार साल के लिये सेना में सेवा का अवसर मिलता है। विवेक वर्मा जो महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले से हैं। इस योजना के तहत सेना में भर्ती होने के लिये अपनी तैयारी की और सात महीने की कठिन ट्रेनिंग पूरी की। अब जम्मू-कश्मीर में उनकी पोस्टिंग की संभावना है जहां वह देश की सुरक्षा में अपनी आगे की भूमिका निभाएंगे।
नथेला फ़ोर्स एकेडमी से हुआ है चयन
विवेक वर्मा का चयन नथेला फ़ोर्स एकेडमी बाजार अतरिया से हुआ है। यह एकेडमी एक स्वायत्त निकाय की तरह कार्य करती है और युवाओं को सेना में भर्ती के लिये प्रशिक्षण देती है। इस अकादमी से अब तक दो दर्जन से ज्यादा युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर सेना में चयनित हो चुके हैं। विवेक वर्मा भी इसी एकेडमी के प्रशिक्षुओं में से एक हैं। नथेला फ़ोर्स एकेडमी का महत्व इस लिहाज से और बढ़ जाता है। यह स्थानीय युवाओं को राष्ट्रीय सेवा के लिये तैयार कर रही है और उन्हें बेहतर मार्गदर्शन उपलब्ध कराती है।
विवेक वर्मा का यह सफर केवल उनके लिये नहीं बल्कि उनके परिवार और समुदाय के लिये भी गर्व का विषय है। परिवार के सदस्य, रिश्तेदार और गांव वाले उनके लिये हमेशा प्रोत्साहक बने रहे। उनकी सफलता ने गांव में एक नई ऊर्जा का संचार किया है। और युवा पीढ़ी के लिये प्रेरणा का स्रोत बन गई है। विवेक के पिता का गर्वित चेहरा यह दिखाता है कि एक सशक्त और संगठित राष्ट्र निर्माण में युवा की भूमिका कितनी अहम है अग्निवीर योजना से जुड़ी यह सफलता की कहानी न केवल विवेक वर्मा के लिये बल्कि उनके पूरे गांव के लिये एक प्रेरणा का स्रोत है। यह दिखाता है कि अगर सही मार्गदर्शन और प्रोत्साहन मिले तो कोई भी युवा अपने सपनों को साकार कर सकता है। नथेला फ़ोर्स एकेडमी जैसी संस्थाएँ ऐसे युवाओं का मनोबल को जागृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। अब विवेक वर्मा जैसे युवा सेना में अपनी सेवा देने के लिये तैयार हैं। और यह देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिये एक कदम और बढ़ाने वाला कदम है।