कृषि केंद्र संचालक बिना प्रिंसिपल सर्टिफिकेट बेच रहे दवाई

विभाग अभी भी गहरी नींद में
नहीं हो रही सार्थक कार्यवाही
सत्यमेव न्यूज/खैरागढ़. कृषि केन्द्र संचालक बिना प्रिंसिपल सर्टिफिकेट के दवाईयां बेच रहे हैं. बिना सर्टिफिकेट के दुकानदार अधिक दाम में किसानों को दवाईयां दे रहे हैं. ऐसे में किसान मजबूरी में कृषि दुकान पहुंचकर अधिक कीमत पर खाद-बीज खरीद रहे हैं और इसका बखूबी फायदा कृषि केन्द्र संचालक उठा रहे हैं. बाजार अतरिया, ठेलकाडीह, मुढीपार क्षेत्र के अधिकांश कृषि संचालक बिना प्रिंसिपल सर्टिफिकेट के दवाइयां व खाद बेच रहे हैं. खेती-किसानी के मौसम में भी कृषि अधिकारी दौरा नहीं कर रहे हैं जिसके चलते इनके हौसले और बुलंद होते जा रहा है. कृषि केन्द्र संचालकों की मनमानी से एक ओर किसान परेशान हो रहे हैं लेकिन दूसरी ओर कृषि विभाग के अधिकारी-कर्मचारी गहरी नींद में नजर आ रहे है. बाजार अतरिया, पांडा दाहा, ठेलकादीही सहित आसपास क्षेत्र में लगभग 50 से अधिक कृषि केंद्र संचालित हैं जहां नियमों को दरकिनार कर कृषि केंद्र का संचालन किया जा रहा है. बता दे कि कृषि केंद्र में दवाई, खाद-बीज, हाईब्रीड बीज, रिसर्च बीज एवं वेजिटेबल बीज के विक्रय के लिये कंपनी कृषि केन्द्र संचालकों को प्रिंसिपल सर्टिफिकेट दिया जाता है वहीं स्टाक पंजी, सूचना पटल, बोर्ड पर मात्रा एवं रेट भी नहीं लगाया गया है और न ही ग्राहकों को ओरिजनल जीएसटी बिल दिया जा रहा है. किसानों को लोकल बिल थमाते हुये लोकल से लोकल कंपनी की दवाईयों को अधिक दाम में बेचकर किसानों को से मोटी रकम निकाल रहे हैं.
विभाग नहीं कर रहा निरीक्षण, मॉनिटरिंग के अभाव में नकली दवाई विक्रेताओं की चांदी
खैरागढ़ कृषि विभाग द्वारा लंबे समय से कोई बड़ी कार्यवाही नहीं की गई है. अधिकारियों को पता है कि सभी कृषि केंद्र संचालक बिना पीसी के काम को अंजाम नहीं देंगे लेकिन सच यह है कि दुकानदार अधिकारियों के नाक के नीचे बिना लायसेंस खाद-बीज विक्रय कर रहे हैं. ज्यादातर किसान कृषि केंद्रों की शिकायत इसलिये नहीं करना चाहते क्योंकि किसी के नजर में नहीं आना चाहते. जिले में सैकड़ों कृषि केंद्र है जहां नियम को दरकिनार कर किसानों को केवल लुटने का काम किया जा रहा है.