जिले में आरटीई के तहत 585 सीट के लिये शिक्षा विभाग को मिले रिकार्ड 9 हजार से अधिक आवेदन

सत्यमेव न्यूज/खैरागढ़. आरटीई के तहत जिले में गरीब बच्चों की प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है. प्राथमिक चरण में आवेदन की प्रक्रिया के दौरान शिक्षा विभाग को आरटीई में बच्चों के प्रवेश के लिए रिकॉर्ड आवेदन प्राप्त हुए हैं. जानकारी अनुसार जिले के 74 निजी स्कूलों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम तहत आरक्षित 585 सीटो के लिए रिकार्ड 9 हजार से अधिक आनलाईन आवेदन प्राप्त हुये है, जिसके चलते गरीब बच्चों का दाखिला लॉटरी सिस्टम से पर्ची निकालकर किया जाएगा. शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत जिले के निजी स्कूलों में 585 गरीब रेखा श्रेणी के बच्चों को नर्सरी, केजी वन और पहली कक्षा मे निशुल्क प्रवेश दिया जाना है. अभिभावक 15 अप्रैल तक कर सकते हैं ऑनलाइन प्रवेश की प्रक्रिया के लिए आवेदन1 मार्च से 15 अप्रैल तक आनलाईन आवेदन की प्रक्रिया होनी है लेकिन एक सप्ताह शेष रहते अभी तक 9 हजार 885 आवेदन जमा हो गया है और आवेदनों की संख्या बढ़ सकती हैं. जिले में उम्मीद से ज्यादा आवेदन आने के कारण बच्चों का एडमिशन लॉटरी सिस्टम से किया जाएगा हालाकि इसके लिए किसी स्कूल मे सीट संख्या से कम आवेदन आने पर लॉटरी निकालने की जरूरत नही पड़ेगी लेकिन जिन स्कूलो मे प्रवेश के लिए अभिभावको ने ज्यादा रूचि ली है वहां आवेदनों की संख्या अधिक होने के कारण पर्ची निकालकर प्रवेश दिया जाएगा वहीं आवेदन में विकल्प के तौर पर अंकित शाला मे रिक्त सीट होने पर अवसर मिलेगा उल्लेखनीय है कि आरटीई तहत बीपीएल परिवार के बच्चों को निजी स्कूलो मे एडमिशन दिया जाता है इसमें कुल प्रवेश मे 25 फीसदी सीटे इसके लिए आरक्षित रखी जाती है.आर्थिक रूप से विपन्न छात्रों के लिए हैं निशुल्क शिक्षा का प्रावधानआरटीई के तहत पहली से बारहवी तक बच्चो को निजी शालाओ मे निशुल्क शिक्षा का प्रावधान है. प्रवेश के लिए वैधानिक दस्तावेज आनलाईन अपलोड करने के बाद आवेदन में अंकित नाम व मोबाईल नंबर वाले नोडल अधिकारी के पास दस्तावेज जमा किया जाना आवश्यक होता है. कई बार पालक बच्चों के आनलाईन आवेदन की प्रतिलिपि संबंधित शाला मे जमा कर देते है जिसके कारण बच्चे पात्र होने के बाद भी प्रवेश से वंचित हो जाते है. पूर्व में अविभाजित राजनांदगांव जिला होने के कारण अधिनियम के तहत अधिकांश सीटे खाली रह जाती थी लेकिन इस बार निर्धारित सीट से ज्यादा आवेदन आने के कारण विभाग को आवेदनो की छंटनी और पात्र अपात्र के चयन मे काफी माथापच्ची करनी पड़ेगी.

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