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जिले के 37 गांव में जल स्तर गिरने से आवश्यक जल की समस्या गहराई

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण इलाकों में बीते 17 फरवरी अल्प वर्षा और अब पड़ रही भारी गर्मी के चलते जल संकट की स्थिति अब अपने पैर पसारते जा रही है। अप्रैल माह में ही प्रचंड गर्मी के तेवर के चलते भू-जल स्तर लगातार घटते जा रहा है। जिले में सबसे अधिक खराब स्थिति खैरागढ़ ब्लॉक की ही है जहां लगभग 24 गांवों में पानी का जल स्तर गिर चुका है और वहां के ग्रामीण पानी के लिये तरस रहे हैं। इन गांवों में ग्राम देवारीभाठ, गातापारकला, सलिहा, कामठा, शिकारीटोला, भीमपुरी, मदनपुर, सोनपुरी, सिरसाही, चारभाठा, ठेलकाडीह, तिलाईभाठ, सहसपुर, पांडुका, करमतरा, भण्डारपुर, परसबोड़, परसाही, गोपालपुर, घोंघेडबरी, सलगापाठ, जुरलाकला, प्रकाशपुर व खपरी तेली शामिल है। इन गांवों में कुल 149 पंप बंद हो चुके है जिसके चलते पेयजल की विकट समस्या बनी हुई है। इसी तरह छुईखदान ब्लॉक के 13 गांव सीताडबरी, सुराडबरी, उदान, तेन्दुभाठा, बुन्देली, कोटरा, दनिया, चारभाठा, खोंघा, जंगलपुर, विचारपुर, खपरी दरबार व आमाघाट कादा में 70 से अधिक हैण्ड़पंप बंद हो चुके है।

सहसपुर जैसे गाँवों में पानी के लिये ग्रामीणों को करना पड़ रहा इंतजार

जिला मुख्यालय से लगे ग्राम सहसपुर में पानी की समस्या इस कदर बढ़ चुकी है है ग्रामीणों को पेयजल के लिये घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है। यहां कुछ लोगों के निजी बोर से पानी ग्रामीणों तक पहुंचाया जा रहा है। शासकीय बोर मशीन व हैंडपम्प पूरी तरह सूख चुके हैं, कुछ बोर में पानी निकल रहा है जहां ग्रामीणों के भीड़ अधिक होने के कारण इंतजार करना पड़ता है।

चारभाठा में पेयजल संकट के चलते जनजीवन प्रभावित

ग्राम चारभाठा में भी पानी की समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है। ग्रामीणों के अनुसार चारभाठा में 23 हैंडपंप और 4 बोरवेल हैं जिसमें सिर्फ 11 हैंडपंप में थोड़ा बहुत पानी निकलता है जिसमें 2 हैंडपंप का पानी पीने लायक भी नहीं हैं। बोरवेल के पानी से ही ग्रामीणों की प्यास बुझ रही है। गांव का वाटर लेबल 250 से 300 फीट नीचे चला गया है जिससे 1800 जनसंख्या वाला यह गांव पानी के लिये तरस रहा है। पानी की त्वरित व्यवस्था करने निजी बोर से पानी गांव तक लाया गया है जिससे ग्रामीणों को पीने के लिए ही पानी उपलब्ध हो पा रहा है तथा निस्तारी सहित अन्य आवश्कताओं की पूर्ति के लिए पानी की पूर्ति नहीं हो पा रही है।

पीएचई की लचरता से कई गांव में बढ़ गई आवश्यक जल की समस्या

शासन द्वारा आवश्यक जल की आपूर्ति के लिए संचालित पीएचई की लचरता के चलते जिले के कई गांवों में पानी की समस्या व्याप्त है। गर्मी का मौसम आते ही पीएचई को अलर्ट मोड में रहकर काम करना चाहिये और पेयजल संकट का अपडेट लेकर त्वरित निराकरण करना चाहिये लेकिन अपनी लचर व्यवस्था के लिये यह विभाग पहले से ही मशहूर रहा है जिसका सबूत अब देखने को मिल रहा है। पीएचई विभाग द्वारा 5 साल पहले चाराभाठा में पानी टंकी बनाया गई थी लेकिन अभी तक एक भी बार टंकी से पानी घर तक नहीं पहुंच पाया है। लोगों के घर तक पानी पहुंचाने शासन द्वारा करोड़ रूपये खर्च किया जाता है लेकिन प्रशासनिक लचरता और विभागीय अधिकारियों की कमीशनखोरी के कारण रूपये तो खर्च हो जाते हैं लेकिन उसका लाभ किसी ग्रामीण को नहीं मिलता। चाभाठा के ग्रामीणों को कहना है कि पानी टंकी बनाने के बाद उम्मीद जगी थी लेकिन टंकी में पानी पंहुचाने जो बोर खनन कराया गया था उसमें कम पानी निकलने व वाटर लेबल नीचे जाने के कारण टंकी तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। वर्तमान में एक बोर में पानी निकल रहा है जिसके पाइप को पानी टंकी में जोड़ने कहा जा रहा है लेकिन विभाग ध्यान नहीं दे रहा है।

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