जिले के भण्डारपुर-दैहान में नई नवेली नहर टूटी

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. जिले के अंतिम छोर पर स्थित भण्डारपुर-दैहान क्षेत्र में तेज बारिश के चलते बड़े पुल के पास बनी नहर टूट गई जिससे आसपास के खेतों और गांव के खलिहान में पानी भर गया। इस घटना से न केवल किसानों की फसलें चौपट हो गई हैं बल्कि सरकार की विकासपरक योजनाओं की गुणवत्ता पर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

जानकारी अनुसार इस नहर की लाइनिंग का निर्माण कार्य जल संसाधन विभाग द्वारा मात्र डेढ़ वर्ष पूर्व लाखों रुपये की लागत से पूर्ण कराया गया था। निर्माण का ठेका किसी आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला था और इसकी निगरानी जल संसाधन विभाग के अधिकारियों द्वारा की गई थी लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि इस कार्य में भारी घालमेल और भ्रष्टाचार हुआ जिसके चलते नहर का मुख्य केनाल और पुल का साइड सोल्डर बारिश की एक तेज बौछार भी नहीं झेल सका।

यह नहर प्रधान पाठ बैराज से छोड़े जाने वाले पानी को सैकड़ों गांवों तक पहुंचाती है जिससे खेती की सिंचाई होती है लेकिन नहर के टूटने से पानी खेतों और बस्तियों में घुस गया है। कई किसानों की तैयार फसलें नष्ट हो गई हैं और खेतों में कीचड़ फैल गया है। ज्ञात हो कि इस नहर से प्रधानपाठ बैराज का पानी छोड़ा जाता है जो रुसे फिल्टर होते हुए आगे सैकड़ों गांवों की सिंचाई के लिए पहुंचता है। नहर टूटने के बाद अब पानी खेतों और गांवों में भर रहा है जिससे फसलों को भी व्यापक नुकसान हुआ है।

गांव के प्रगतिशील किसान धरमचंद जैन ने बताया “लाखों रुपये खर्च करके बनाई गई नहर इतनी जल्दी कैसे बह सकती है? यह स्पष्ट रूप से घटिया निर्माण और भ्रष्टाचार का परिणाम है। हम मांग करते हैं कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच हो और नहर का पुर्ननिर्माण मजबूती से कराया जाए। यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो किसान आंदोलन करेंगे।” अब घटना के बाद जल संसाधन विभाग की चुप्पी और अधिकारियों का “गुप्तवास” भी ग्रामीणों में असंतोष को बढ़ा रहा है। कार्यपालन अभियंता बीरेंद्र कुमार मरकाम से संपर्क करने के तमाम प्रयास विफल रहे। उनके दोनों दूरभाष नंबर क्रमशः 7587181357 और 7869589032 पर संपर्क नहीं हो पाया। ग्रामीणों का आरोप है कि पहले इस पूरे मामले को दबाने की कोशिश की गई और अब अधिकारी जिम्मेदारी लेने से बच रहे हैं।

इस नहर से जुड़े प्रधान पाठ बैराज की उपयोगिता भी अब संदेह के घेरे में है क्योंकि यहां उच्चस्तरीय बांध का निर्माण होना था। किसानों का कहना है कि बैराज का निर्माण उनकी मदद के लिए किया गया था लेकिन हर साल बारिश के समय यह क्षेत्र के लिए संकट का कारण बन जाता है। 26 जुलाई को हुई बारिश में नहर का ढांचा ढह जाना इसका ताज़ा उदाहरण है। करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद इसका कोई स्थायी लाभ नहीं मिल पा रहा।

अधिकारियों एवं ठेकेदार की लापरवाही के कारण नहर और उसका पुल टूट गया है, सभी पीड़ित ग्रामीण मामले की जांच की मांग कर रहे हैं और शीघ्र ही नहर और पुल के पुनर्निर्माण की मांग की गई है ताकि क्षेत्र के किसानों को सुचारु सिंचाई सुविधा मिल सके।

उमा सिन्हा, पूर्व जनपद अध्यक्ष खैरागढ़ एवं भाजपा नेत्री

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