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छः दिवसीय भारत रंग महोत्सव का खैरागढ़ विश्वविद्यालय में हुआ समापन

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. छः दिवसीय भारत रंग महोत्सव का समापन रविवार 9 फरवरी को क्राॅस पर्पज नाटक की प्रस्तुति के साथ हुआ। समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में संगीत नाटक अकादमी से सम्मानित रायपुर के वरिष्ठ निदेशक राजकमल नायक उपस्थित रहे।

विशिष्ट अतिथि के रूप में लेखक एवं समीक्षक डाॅ.जीवन यदु, जिला सत्र न्यायाधीश चंद्र कुमार कश्यप, विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रेम कुमार पटेल एवं अधिष्ठाता कला संकाय प्रो.मृदुला शुक्ल उपस्थित रही। स्वागत अभिभाषण कार्यक्रम के संयोजक व अधिष्ठाता डाॅ.योगेन्द्र चौबे ने दिया। अंत में एनएसडी संकाय सदस्य दीपांकर पाॅल ने आयोजन में शामिल समस्त अतिथियों सहित दर्शकों का आभार व्यक्त किया। अंतिम प्रस्तुति के रूप में अल्बेयर कामू द्वारा रचित नाटक क्राॅस पर्पज की प्रस्तुति दी गई जिसका रूपांतरण शरद चन्द्र के द्वारा की गई है। नमस्ते थियेटर पुणे, महाराष्ट्र द्वारा उक्त नाटक की प्रस्तुति दी गई। क्राॅस पर्पज में अल्बेयर कामू हमारे जीवन को रूपाकार देने वाली निजी कामनाओं और सामाजिक दबावों के मध्य के तनाव की पड़ताल करते हैं। नाटक संवादहीनता के त्रासद दुष्परिणामों का खुलासा करता है क्योंकि अपने कठोर विश्वासों से संचालित चरित्र एक-दूसरे से टकराते हैं और अपने मतभेदों को सुलझाने में असमर्थ हैं। यह एक ऐसे संसार में अपने अर्थ के लिए मानव संघर्ष का एक कटु चित्रण है जो हमारी इच्छाओं व कामनाओं के प्रति उदासीन महसूस होता है। नाटक के मर्म बिन्दु में भावनात्मक एकाकीपन और अस्तित्ववादी द्वन्द्व को रेखांकित किया गया है। इस प्रस्तुति के माध्यम से दर्शकों को उनके अपने ‘अर्थ दोषों’ से दो-चार होने और हमारे व्यक्तिगत सत्यों और अपने ईर्द-गिर्द के संसार के मध्य के प्रायः दर्दनाक अन्तराल पर मंथन करने के लिए आमंत्रित करते हैं। रंग महोत्सव के अंतिम प्रस्तुति का आनंद लेने बड़ी संख्या में दर्शक व कला प्रेमी मौजूद रहे।

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