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अनुशासनहीनता : कलेक्टर ने बस्तर आयुक्त को कार्रवाई के लिए लिखा पत्र

सत्यमेव न्यूज/खैरागढ़. जिला मुख्यालय में तबादले के बाद तैनात किए गए तहसीलदार के बिना रिलीव ही वापस जाने से राजस्व विभाग के काम अटक गए हैं। आचार संहिता जारी होने के पहले ही खैरागढ़ में पदस्थ रही तहसीलदार प्रीति लारोकर को जशपुर और भानुप्रतापपुर से आए सुरेन्द्र उर्वशा को खैरागढ़ तहसीलदार पदस्थ किया गया था. उच्च न्यायालय में कई तहसीलदार, नायब तहसीलदाराें द्वारा याचिका लगाए जाने के बाद न्यायालय ने प्रदेश में तहसीलदारों और नायब तहसीलदाराें के तबादले निरस्त करने के आदेश दिए थे. आदेश जारी होने के बाद खैरागढ़ में पदस्थ रही प्रीति लारोकर वापस खैरागढ़ में अपना प्रभार ले लिया। लेकिन यहां जिला मुख्यालय में पदस्थ किए गए तहसीलदार सुरेन्द्र उर्वशा ज्वॉइन करने के बाद भी बिना जिला प्रशासन और राजस्व अधिकारियों को जानकारी दिए अपने पूर्व पदस्थापना स्थल के लिए रवाना हो गए। जिला प्रशासन को जब इसकी जानकारी हुई तो नाराज कलेक्टर चन्द्रकांत वर्मा ने शासन को तहसीलदार श्री उर्वशा पर उपयुक्त कार्यवाही के लिए पत्र लिखा वहीं दूसरी ओर बस्तर आयुक्त को भी पत्र लिखकर कार्यवाही करने की मांग की.

तहसीलदार सुरेन्द्र उर्वशा के बिना जानकारी ही वापस भानुप्रतापपुर चले जाने की जानकारी के बाद कलेक्टर श्री वर्मा ने मामले में शासन और बस्तर कमिश्नर को पत्र लिख कार्यवाही की मांग की तो दूसरी ओर जिला मुख्यालय में बिना तहसीलदार के राजस्व कार्यों के अटकने के चलते दूसरे तहसीलदार प्रीतम सिंह चौहान को खैरागढ़ के अतिरिक्त तहसीलदार का प्रभार दिया है.

इधर आय जाति और निवास के अटके आवेदनों को समय सीमा में पूर्ण करने एसडीएम टंकेश्वर प्रसाद साहू ने कमान संभाली और आधे से ज्यादा प्रकरणो की जांच के बाद इसका समाधान किया गया. तहसीलदार की पदस्थापना के बाद अब राजस्व मामलाें में अटके कार्याें के जल्द सुलझने की उम्मीद बढ़ गई है.

तहसीलदार के नहीं होने का खामियाजा आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र बनवाने पहुँचने वाले आवेदकाें भुगतना पड़ रहा था. राजस्व विभाग के नामांतरण, बंटवारे, सीमांकन के कार्यों में भी दिक्कतें आ रही थी. तहसीलदार के बिना चल रहे तहसील कार्यालय में आने वाले राजस्व सहित अन्य प्रकरणाें के लिए लोगों, आवेदकों सहित पक्षकारों को भटकना पड़ रहा था. पदस्थ रही तहसीलदार प्रीति लारोकर को जिला प्रशासन ने गंडई तहसीलदार की कमान सौंप दी है. क्योंकि सुरेन्द्र उर्वशा यहाँ पहले ही संशोधित आदेश में पदस्थ हो गए थे लेकिन उनके द्वारा बिना प्रशासन को जानकारी दिए ही भानुप्रतापपुर चले जाने से यहाँ पूरी तरह व्यवस्था ठप्प हो गई थी. बताया गया कि इस दौरान 13 सौ से अधिक आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र के आवेदन अटक गए थे.
जानकारी नहीं दी गई.

नवपदस्थ तहसीलदार उर्वशा द्वारा पदभार ग्रहण करने के बाद बिना जानकारी दिये ही पुराने स्थान पर रवाना होने की सूचना प्रशासन को मिली है. मामले में जिलाधीश द्वारा कार्यवाही के लिए पत्र लिखा गया है. अतिरिक्त तहसीलदार की व्यवस्था नियमानुसार की गई है. राजस्व मामलों का समय पर निपटारा किया जा रहा है.

टंकेश्वर साहू, एसडीएम खैरागढ़

Satyamev News

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