जानिए कौन है हमारा सबसे बड़ा दुश्मन, जो लेता है इंसानों की सबसे ज्यादा जान
सत्यमेव न्यूज़(एजेंसी). मानव इतिहास में इंसानों का सबसे बड़ा दुश्मन कौन है? यह प्रश्न जितना चौंकाने वाला है उतना ही चौंकाने वाला इसका उत्तर है! जी हां, आपको जानकर हैरानी और आश्चर्य होगा कि हम इंसानों का सबसे बड़ा दुश्मन और कोई नहीं बल्कि “मच्छर” (mosquito) है।
मच्छर (mosquito) है हमारे सबसे बड़े दुश्मन
जी हां, मानव इतिहास में, जब से मानव जीवन प्रारंभ हुआ है तब से लेकर अब तक अगर इंसानों की सबसे अधिक मौतें हुई है तो उसका कारण मच्छर (mosquito) है। रिसर्च बताता है कि मानव जगत के इतिहास में अब तक हुए सभी लड़ाईयों (युद्ध/ Wars) से ज्यादा इंसानों की मौतें मच्छरों के काटने से हुई है।
इंसानी जीवन से पहले का है मच्छरों का इतिहास
जी हां, मच्छरों का पृथ्वी (Arth) पर इतिहास (history) मानव सभ्यता के प्रारंभ से पहले का है। हमारे पृथ्वी पर मच्छर करोड़ों वर्षों से रह रहे हैं। मच्छर एक हानिकारक कीट है और यह कई प्रकार के जीवाणुओं का वहन करता है। यह बात भी चौंकाने वाली है कि केवल मादा मच्छर ही मनुष्य या अन्य जंतुओं के खून को डंक लगाकर चूस सकती है, और इसी क्रिया के कारण इंसानों को मलेरिया (malaria) जैसी घातक बीमारियां होती हैं। मादा मच्छर के मुंह के सामने का हिस्सा एक सूंड की तरह होता है, जो सुई की तरह काम करता है। मादा मच्छर प्रजनन के क्रिया के लिए अंडे देती है और इसलिए उसे प्रोटीन (protein) की आवश्यकता पड़ती है। इस कमी को दूर करने के लिए ही मादा मच्छर इंसानों और जानवरों के खून को चूस लेती है। इसके उलट नर मच्छर पेड़ पौधों का रस चूसते हैं। मच्छरों का वजन महज दो से 2.5 मिलीग्राम ही होता है लेकिन यह अब तक मानव जीवन इतिहास में हमारे सबसे बड़े शत्रु के रूप में स्थापित है। मच्छरों पर हुए रिसर्च बताते हैं कि इनका विकास लगभग 21 करोड़ साल पहले जुरासिक काल (Jurassic age) में हुआ था जब हमारे पृथ्वी पर विशालकाय “डायनासोर”(dinosaur) का राज था।
क्यों हो जाता है मच्छर के काटने से सूजन
आपको पता है मच्छर काटने की जगह पर सूजन क्यों हो जाता है! मच्छर के काटने के कारण सूजन हिस्टामीन (histamine) के कारण होता है। हिस्टामीन एक रसायन (chemical) होता है जिसे हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक (immune system) पैदा करता है। मच्छर के काटने के बाद खून (Blood) में जैसे-जैसे हिस्टामीन की मात्रा बढ़ती जाती है वैसे ही मच्छर के काटने वाली जगह के आसपास श्वेत रक्त कणिकाओं ( white blood cells) की मात्रा भी बढ़ जाती है, इसी वजह से हमारे शरीर में सूजन या खुजली होती है। यह बात भी हैरान करने वाली है कि मच्छर इंसानों का तीन गुना खून चूस सकते हैं। रिसर्च बताते हैं कि मच्छर अपने वजन से तीन गुना खून चूस सकते हैं और यह नीले रंग (Blue colour) की ओर सबसे ज्यादा आकर्षित (Attract) होते हैं, इसलिए नीले रंग की रोशनी में हमें आराम करने या सोने से बचना चाहिए। मच्छर इंसानों के शरीर से एक बार में 0.001 से 0.1 मिलीलीटर खून चूसते हैं। अपने लिए खून की कमी को पूरा करने मादा मच्छर हमारे कपड़ों के ऊपर से भी डंक मार कर खून चूस सकती है। मादा मच्छर एक साथ 300 अंडे दे सकती है वहीं वही एक मादा मच्छर की उम्र करीब 2 महीने और एक नर मच्छर की आयु करीब 15 दिन तक ही हो सकती है।
पृथ्वी पर है 3500 से अधिक प्रकार के मच्छरों की प्रजाति
जी हां, यह भी आश्चर्यजनक लेकिन सत्य है कि पृथ्वी पर 3500 से अधिक प्रकार के मच्छरों के प्रजाति मौजूद है। मच्छर 2 फीट प्रति सेकंड की स्पीड से उड़ने की क्षमता रखते हैं और 40 फीट से ऊपर नहीं उड़ सकते हैं वही यह अपने जन्म स्थान से एक मील तक के एरिया में ही निवास करते हैं।
“ओ” पॉजिटिव ब्लड ग्रुप वाले रहे मादा मच्छरों से सचेत
रिसर्च में यह पाया गया है कि मादा मच्छर “ओ” पॉजिटिव ब्लड ग्रुप (“O” positive blood group) वाले लोगों को ज्यादा काटते है। मच्छरों के 6 पैर होते हैं, और ये इंसानों से जीव जंतुओं का खून चूसने में माहिर होते हैं। मादा मच्छर “ओ” पॉजिटिव ब्लड ग्रुप वाले लोगों की ओर ज्यादा आकर्षित होती है, इसलिए इन्हें मलेरिया का खतरा ज्यादा रहता है।