जांच के लिए गई पालिका की फाइल जेडी ऑफिस में अटकी

सवा करोड़ के टेंडर में गड़बड़ी की आशंका
सत्यमेव न्यूज के लिए आकाश तिवारी खैरागढ़। पंद्रहवें वित्त आयोग से शहर विकास के लिये स्वीकृत 1 करोड़ 31 लाख रुपए के सात अलग-अलग कार्यों का ऑनलाइन टेंडर तीन माह से अधिक समय से अटका हुआ है। शिकायत के बाद फाइल जांच के नाम पर पहले संचालनालय और अब जेडी ऑफिस में पड़ी हुई है जिसके चलते नगर विकास के ये कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है। जानकारी के अनुसार ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया में शामिल एजेंसी क्षत्रिय एग्रो ने नगरीय निकाय के जिम्मेदार अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए संचालक संयुक्त संचालक तथा कलेक्टर को लिखित शिकायत दी थी। एजेंसी ने टेंडर प्रक्रिया में मिलीभगत और नियमविरुद्ध कार्रवाई का आरोप लगाते हुए बताया था कि दरों में अंतर केवल 11 हजार रुपए का है बावजूद इसके अपात्र घोषित करने की साजिश रची गई। शिकायत के बाद टेंडर संबंधी दस्तावेज संचालनालय मंगाए गए जहां एक माह तक फाइल अटकी रही। इसके बाद मामले को संयुक्त संचालक दुर्ग के कार्यालय भेजा गया लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय सामने नहीं आया है। नपा की कार्रवाई को सही ठहराया जाएगा या फिर पूरी प्रक्रिया दोबारा कराई जाएगी इस पर अभी संशय बना हुआ है। टेंडर प्रक्रिया में कई एजेंसियों द्वारा भरे गए दरों में बमुश्किल कुछ रुपए का अंतर रहा। उदाहरणस्वरूप 35 लाख की स्वीकृत स्काई लिफ्ट 34 लाख 99 हजार 500 में भरी गई, मिनी टिप्पर 9 लाख 50 हजार के विरुद्ध 9 लाख 49 हजार 949 में और ई-रिक्शा 3 लाख 50 हजार के विरुद्ध 3 लाख 49 हजार 349 में भरा गया। इसी तरह अन्य सामग्री पर भी महज 20 से 100 रुपए का अंतर दर्शाया गया। क्षत्रिय एग्रो के प्रवीण सिंह बैस ने आरोप लगाया कि ऑनलाइन आवेदन में अपलोड किए गए उनके सभी अभिलेख स्पष्ट थे लेकिन आंतरिक छेड़छाड़ कर उन्हें ब्लर दिखाया गया और अपात्र करार दिया गया। उन्होंने टेंडर में शामिल सभी निविदाकारों द्वारा भरे गए दरों का तुलनात्मक अध्ययन करने की मांग करते हुए कहा कि जिम्मेदार अधिकारियों ने अपनों को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों को तोड़-मरोड़कर रखा।
नव पदस्थ सीएमओ ने दी सफाई
इस बीच नगर पालिका सीएमओ कोमल सिंह ठाकुर ने बताया कि टेंडर से संबंधित फाइल जांच के लिए संचालनालय के बाद जेडी ऑफिस में है और एक-दो दिन में इसकी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। फिलहाल उच्चाधिकारियों के आदेश से किसी भी एजेंसी को कार्यादेश जारी नहीं किया गया है।