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जनपद पंचायत छुईखदान में वित्तीय अनियमितता की शिकायत बाद जिला पंचायत ने गठित किया जांच दल

सत्यमेव न्यूज़ के लिए संपादक अनुराग शाँति तुरे की रिपोर्ट खैरागढ़। जनपद पंचायत छुईखदान में अप्रैल 2024 से जुलाई 2025 के बीच बिना सामान्य प्रशासन समिति की अनुमति के किए गए भुगतान में गंभीर वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत पर जिला पंचायत प्रशासन ने सख्ती दिखाई है। जिला पंचायत खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रेम कुमार पटेल ने इस संबंध में तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच दल का गठन किया है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि जनपद पंचायत छुईखदान कार्यालय द्वारा नियमों की अनदेखी करते हुए कई बिलों का भुगतान समिति की स्वीकृति के बिना कर दिया गया। बताया गया कि शासन की राशि जो ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों और कार्यालय संचालन के लिए निर्धारित थी फर्जी बिलों के माध्यम से कुछ व्यक्तियों के बैंक खातों में हस्तांतरित की गई। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए जिला पंचायत ने तत्काल जांच के आदेश जारी किए हैं।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत खैरागढ़-छुईखदान-गंडई द्वारा गठित जांच दल में कल्पना हेडाऊ, लेखाधिकारी (प्रभारी अधिकारी), प्रकाश चन्द्र तारम, प्रभारी परियोजना अधिकारी तथा सी.के. पाण्डेय, सहायक लेखाधिकारी को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि जांच दल शिकायत में वर्णित सभी बिंदुओं की सूक्ष्मता से जांच कर 15 दिवस के भीतर अपनी संयुक्त रिपोर्ट स्पष्ट अभिमत सहित जिला पंचायत कार्यालय में प्रस्तुत करेगा।

शिकायत में यह भी कहा गया है कि जनपद पंचायत द्वारा बिना समिति अनुमोदन के किए गए भुगतान छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 66(4) एवं जनपद लेखा नियम 1999 का उल्लंघन है।
नियमों के अनुसार जनपद स्तर पर किसी भी व्यय की स्वीकृति सामान्य प्रशासन समिति से प्राप्त होना अनिवार्य है।

जांच दल के सदस्य प्रकाश चन्द्र तारम प्रभारी परियोजना अधिकारी ने पत्रकारों को बताया कि वे जांच के लिये जनपद पंचायत छुईखदान पहुंचे जहां संबंधित भुगतानों से जुड़े अभिलेखों की जांच की गई। उन्होंने बताया कि सभी आवश्यक दस्तावेज कार्यालय प्रमुख की उपस्थिति में जब्त कर पंचनामा तैयार किया गया है। इन अभिलेखों को आगे की जांच के लिये जिला पंचायत कार्यालय में सुरक्षित रखा गया है। उन्होंने कहा कि फिलहाल जांच प्रक्रिया प्रगति पर है और प्रारंभिक स्तर पर कई महत्वपूर्ण तथ्यों का संज्ञान लिया गया है।

इस मामले ने एक बार फिर छुईखदान जनपद में पंचायत स्तर पर वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सूत्रों का कहना है कि यदि जांच में गड़बड़ी प्रमाणित होती है तो दोषियों के विरुद्ध प्रशासनिक कार्रवाई तय मानी जा रही है।

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