जनता की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही भाजपा सरकार- कांग्रेस

देश की आजादी के बाद पहली बार स्थगित सजा में सदस्यता रद्द की गई

नीरव मोदी व ललित मोदी का नाम लेने से पूरे समाज की बदनामी कैसे हुई

सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष व चार बार के सांसद राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त किये जाने के बाद कांग्रेसियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इसका विरोध जताया है. बुधवार 5 अप्रैल को विश्राम गृह में आयोजित पत्रवार्ता की अगुवाई कर रहे पूर्व विधायक गिरवर जंघेल ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में आज आम आदमी का भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना गुनाह हो गया है. राहुल गांधी ने संसद में अदानी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच के रिश्ते को लेकर सवाल पूछकर प्रधानमंत्री की दुखती रत पर हाथ रख दिया, उन्होंने मोदी के निकट सहयोगी अदानी के घोटालेबाजी को लेकर सवाल किया जिसके चलते प्रधानमंत्री के द्वारा राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त करा दी गई. श्री जंघेल ने कहा कि यह सोचने वाली बात है कि 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में राहुल गांधी चुनावी भाषण देते हैं, 16 अप्रैल को भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने गुजरात के सूरत में शिकायत दर्ज कराई, 27 मार्च 2022 को शिकायत पर गुजरात उच् च न्यायालय से रोक लगाने की मांग शिकायतकर्ता ने की और कोर्ट ने रोक लगा दी, 7 फरवरी 2023 को राहुल गांधी ने लोकसभा में अडानी और पीएम मोदी के रिश्तों पर सवाल उठाते हुये भाषण दिये फिर 16 फरवरी 2023 को शिकायतकर्ता ने गुजरात उच् च न्यायालय के अपने अनुरोध को वापस ले लिया, 27 फरवरी को निचली अदालत में सुनवाई फिर से शुरू हुई, 23 मार्च को ट्रायल कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी ठहराया और अधिकतम 2 साल की सजा सुनाई तथा 24 मार्च को लोकसभा ने 24 घंटे के भीतर राहुल गांधी की सदस्यता रद्द कर दी. नीरव मोदी व ललित मोदी का नाम लेने पर पूरे समाज की बदनामी नहीं है, यह भाजपा की साजिश है.

नदेन्द्र मोदी सरकार द्वारा जनता की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है. पहली बार लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई जा रही है जिसे बचाने कांग्रेस ग्रामीण स्तर तक जायेगी और लोकतंत्र की मजबूती को लेकर आम जनता तक अपनी बात रखेगी. 24 घंटे के अंदर राहुल गांधी का सदस्यता रद्द करना, आवास खाली कराना यह भाजपा की साजिश है. वरिष्ठ कांग्रेसी पं.मिहिर झा ने कहा कि जिस अदालत ने सजा दिया उसी ने स्थगित कर दिया जिसे सजा याफ्ता नहीं मानते लेकिन देश में आजादी के बाद पहली बार स्थगित सजा में सदस्यता रद्द करना लोकतंत्र की सबसे बड़ी हत्या है. सत्ता पक्ष की गलतियों को उजागर करना हमारा काम है लेकिन अब बोलने पर भी पहरा लगा दिया गया है. इस दौरान नपा अध्यक्ष शैलेन्द्र वर्मा, उपाध्यक्ष अब्दुल रज् जाक खान, वरिष्ठ कांग्रेसी पं.मिहिर झा, गिरधारी पाल, खैरागढ़ ब्लॉक अध्यक्ष आकाशदीप सिंह गोल्डी, शहर अध्यक्ष भीखमचंद छाजेड़, मुढ़ीपार ब्लॉक अध्यक्ष कोमल साहू, जिला युकां अध्यक्ष गुलशन तिवारी सहित, पार्षद दीपक देवांगन, दिलीप लहरे, सुमित टांडिया, शत्रुहन धृतलहरे, एल्डरमेन डॉ.किरण झा, पूरन सारथी, सुरेन्द्र सोलंकी, सूर्यकांत यादव, कोमल वर्मा, शिवानंद यादव, मनोहर सेन, श्रद्धा अग्रवाल, पूजा, अंजलि सहित कांग्रेसी मौजूद रहे.

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