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छुईखदान के खैरबना में स्कूल पहुंचते ही बेहोश हो रहीं छात्राएं, 15 दिनों से जारी रहस्यमयी घटनाक्रम

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़। जिले के छुईखदान विकासखंड अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला खैरबना इन दिनों एक अजीब और चिंताजनक घटनाक्रम को लेकर सुर्खियों में है। बीते लगभग 15 दिनों से स्कूल पहुंचते ही छात्राओं की तबीयत अचानक बिगड़ रही है। चक्कर, घबराहट और बेहोशी की शिकायत के चलते अब तक 20 से 25 छात्राएं प्रभावित हो चुकी हैं जिससे अभिभावकों से लेकर प्रशासन तक में चिंता का माहौल है।

सबसे हैरानी की बात यह सामने आई है कि जिन छात्राओं ने कुछ दिनों के लिए स्कूल आना बंद कर दिया उनकी तबीयत पूरी तरह सामान्य बनी रही लेकिन जैसे ही वे दोबारा स्कूल परिसर में प्रवेश करती हैं उन्हें घबराहट, चक्कर और बेहोशी जैसे लक्षण महसूस होने लगते हैं। इस अजीब और रहस्यमयी संयोग ने ग्रामीणों के बीच तरह-तरह की आशंकाओं को जन्म दे दिया है।

घटना की जानकारी फैलते ही गांव में डर और चर्चाओं का माहौल बन गया। प्रभावित छात्राओं की संख्या लगातार बढ़ने से अभिभावक बेहद चिंतित हैं। कई परिजन बच्चों को स्कूल भेजने से हिचक रहे हैं वहीं स्कूल प्रबंधन भी स्थिति को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है। मेडिकल जांच में सभी रिपोर्ट्स सामान्य छात्राओं की बिगड़ती तबीयत को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने स्कूल में कई दिनों तक मेडिकल कैंप लगाया। प्रभावित छात्राओं के ब्लड सैंपल, बीपी और शुगर की जांच कराई गई लेकिन सभी रिपोर्ट्स सामान्य पाई गईं। मेडिकल कारण सामने न आने से यह मामला अब डॉक्टरों के लिए भी चिंता का विषय बन गया है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल स्वयं शासकीय प्राथमिक शाला खैरबना पहुंचे और स्कूल परिसर का निरीक्षण किया। उन्होंने छात्राओं, शिक्षकों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर पूरी स्थिति की जानकारी ली। कलेक्टर ने बीएमओ को निर्देश दिए कि प्रभावित बालिकाओं की मनोवैज्ञानिक जांच कराई जाए ताकि मानसिक तनाव या भय की भूमिका स्पष्ट हो सके।

स्वास्थ्य विभाग के प्रारंभिक आकलन में डॉक्टरों ने इसे मास हिस्टीरिया (सामूहिक मानसिक प्रभाव) का संभावित मामला बताया है। जिला पंचायत सीईओ प्रेम कुमार पटेल ने मामले में कहा है कि कई बार किसी डर, तनाव या घटना के बाद बच्चे एक-दूसरे को देखकर समान लक्षण महसूस करने लगते हैं। स्कूल जैसे वातावरण में यह स्थिति तेजी से फैल सकती है।

फिलहाल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पूरे मामले पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। अभिभावकों में चिंता बनी हुई है जबकि स्कूल प्रबंधन बच्चों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दे रहा है। मनोवैज्ञानिक जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस रहस्यमयी बीमारी के कारणों पर कोई ठोस और अंतिम निष्कर्ष सामने आ सकेगा।

Satyamev News

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