छत्तीसगढ़ के स्थानीय शिक्षित युवाओं के हक़ की लड़ाई तेज़

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़। छत्तीसगढ़ के महाविद्यालयों में गेस्ट लेक्चरर नियुक्ति को लेकर अब आंदोलन की आहट तेज़ हो गई है। खैरागढ़, अतरिया और छुईखदान महाविद्यालय के साथ-साथ जिले के विभिन्न महाविद्यालयों में पदस्थ अतिथि व्याख्याताओं ने खैरागढ़ विधायक यशोदा वर्मा को ज्ञापन सौंपते हुए स्पष्ट कहा कि नियुक्तियों में मूल निवासी अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए क्यों किया है छत्तीसगढ़ के मूल निवासी शिक्षित बेरोजगारों के साथ शासन का भेदभावपूर्ण सौतेला व्यवहार है। शिक्षकों ने दो टूक कहा कि प्रदेश सरकार के आदेश की धारा 5.4 के बावजूद बाहरी अभ्यर्थियों की भर्ती से स्थानीय युवाओं के सपनों पर कुठाराघात हो रहा है। अब बेरोजगारी से जूझ रही पीढ़ी के सामने यह अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और प्रदेश के पढ़े लिखे युवा अपनी आवाज बुलंद करेंगे।
विधायक यशोदा वर्मा ने शिक्षकों के इस आंदोलन को न्यायसंगत मानते हुए ऐलान किया कि वे विधानसभा के आगामी सत्र में इस मुद्दे को प्रखरता से उठाएँगी। उन्होंने कहा है कि “स्थानीय युवाओं के साथ किसी प्रकार का भेदभाव स्वीकार नहीं होगा, उनकी आवाज़ विधानसभा तक मजबूती से पहुँचाई जाएगी।” विधायक निवास में ज्ञापन सौंपने के दौरान डॉ.समीक्षा ताम्रकार, डॉ.मेधाविनी तुरे, डॉ.उमेंद चंदेल, डॉ.स्मृति कन्नौजे, डॉ.हुतेश्वरी साहू, अंजली सिंह, डॉ.देवराज वर्मा, आकाश धनगर, खेमपाल धनगर, दुर्वासा सिन्हा सहित जिले के सभी महाविद्यालयों के अतिथि व्याख्याता मौजूद रहे। इस गंभीर समस्या को लेकर अतिथि व्याख्याताओं ने चेतावनी दी कि यदि स्थानीय अभ्यर्थियों को प्राथमिकता नहीं दी गई तो यह लड़ाई सड़कों पर उतरकर प्रदेशव्यापी आंदोलन का रूप ले लेगी। अब सबकी निगाहें विधानसभा पर हैं जहाँ से स्थानीय युवाओं के हक़ में नई उम्मीद की किरण फूटने की संभावना है।

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