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छग शिक्षक संघ ने युक्तियुक्तिकरण की प्रक्रिया में खामियों से शासन को कराया अवगत

सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ. छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ ने युक्तियुक्तिकरण की प्रक्रिया में विभिन्न प्रकार की खामियों की ओर राज्य शासन का ध्यान आकृष्ट करते हुये दिशा निर्देश में सुधार करने की मांग की है। छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ जिला इकाई केसीजी के संयोजक डॉ.कमलेश्वर सिंह ने बताया कि राज्य शासन द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी 2008 की सेटअप के विपरीत 40 दर्ज में 1$1 के स्थान पर प्राथमिक शाला में न्यूनतम 60 की दर्ज सख्या में 1$1=2 मापदंड रखा है जो कि अव्यहारिक है जबकि प्राथमिक शाला में 1$2=3 होना चाहिए क्योंकि राज्य शासन की अधिकतर योजनाओं के क्रियान्वयन में एक न एक शिक्षक वर्ष भर संलग्न रहते हैं। प्रधानपाठक कर्यालय के कार्य में व्यस्त रहते हैं, इस स्थिति में एक शिक्षक पांच कक्षा को कैसे संभाल सकते हैं। इसी प्रकार पूर्व माध्यमिक शाला में 2008 की सेटअप के अनुसार न्यूनतम 1$4=5 होना आवश्यक है जबकि नये दिशा निर्देश में 1$3=4 है जबकि पूर्व माध्यमिक शाला में कम से कम 1$4=5 होना है तथा विषय अनुसार अंग्रेजी, संस्कृत, हिंदी, गणित, समाजिक विज्ञान एवं विज्ञान का शिक्षक आवश्यक है। युक्तियुक्तिकरण के तहत हाई स्कूल, हायर सेकेंडरी स्कूल में क्रमशः 1$6=7 तथा 1$11=12 है तथा प्रत्येक 35 का वर्ग होगा। हाई स्कूल के उन्नयन पर 6$5=11 होगा। प्रत्येक अतिरिक्त वर्ग पर 1 व्याख्याता विषयवार होंगे परंतु ऐसे हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूल हैं जहां जो विषय संचालित नहीं है उनके दो-दो व्यख्याता कार्यरत हैं जो शहरी और बड़े कस्बे के स्कूलों में दर्ज संख्या के अनुपात में व्याख्याता नियुक्त नहीं है। हायर सेकेंडरी में हिंदी-अंग्रेजी के दो-दो व्याख्याता होनी चाहिए, इसी प्रकार कला के दो, गणित, जीव विज्ञान, भौतिक एवं रसायन शास्त्र के भी दो-दो व्याख्यता होने चाहिए। स्कूल शिक्षा विभाग के सेटअप 2008 के अनुसार युक्तियुक्तिकरण की प्रक्रिया को किया जाना चाहिए। पादोन्नति प्रक्रिया में एक ओर वरिष्ठता का निर्धारण प्रथम नियुक्त तिथि को माना जा रहा है तो दूसरी और युक्तियुक्तिकरण में कार्यभार ग्रहण तिथि को मान्य किया जा रहा है जो विसंगतिपूर्ण मापदंड है। छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के जिला सयोजक डॉ.कमलेश्वर सिंह सहित मानस साहू, लोकेश साहू, अनिल पाल, सुनील गुणी, छत्रपाल सिंह, अजय सिंह राजपूत, राजू यादव, धर्मेंद्र साहू, चंद्रभान साहू, सुधांसु झा, केके वर्मा, अनुराग मालवीय, इंदिरा चंद्रवंशी आदि ने 2008 के सेटअप के आधार पर युक्तियुक्तिकरण की प्रक्रिया अपनाने पर पुनः विचार करने राज्य शासन से मांग की है।

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