लू से सबसे ज्यादा बच्चे ग्रसित वर्तमान में सिविल अस्पताल में डेढ़ साल से लेकर 14 साल के 7 बजे लू से ग्रसित होकर इलाज करा रहे हैं
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. नौतपा में पड़ रही भीषण गर्मी ने क्षेत्रवासियों को बेहाल कर रखा है। नौतपा के पहले दो-तीन दिनों तक बदली तथा बूंदाबांदी के बाद तापमान कम होने की वजह से एक ओर जहां लोगों को राहत रही। वहीं नौतपा से पड़ रही भीषण गर्मी तथा लू से लोग हलाकान हैं। जिला मुख्यालय खैरागढ़ में बुधवार को तापमान 42 डिग्री व गुरुवार 44 से 45 डिग्री रहा है। भीषण गर्मी से जूझ रहे लोग अब मानसून का इंतजार कर रहे हैं, ताकि लू तथा तपती गर्मी से राहत मिल सके। शुक्रवार को सुबह 11 बजे से ही तापमान 44 डिग्री तक पहुंच गया, जो दोपहर 3 बजे तक बढ़ते-बढ़ते 45 डिग्री तक पहुंच गया। अंचल में इन दिनों लू के थपेड़ों ने लोगों का घर से निकलना दूभर कर दिया है। तेज धूप का असर सुबह 9 बजे से ही लोगों को नजर आता है। वहीं शाम को ढलते हुए सूर्य की गर्मी से भी लोग खासे परेशान हैं। जिसके चलते शाम 7 बजे तक गर्म हवाएं चलती रहती हैं। चिलचिलाती हुई गर्मी में घर से बाहर निकलने पर भट्टी की तरह गर्मी है। जिसके चलते बच्चे तथा बड़े बड़ों के आसानी से लू का शिकार बनने की आशंका बनी हुई है। चिकित्सकों के अनुसार अमूमन खाली पेट तथा अधिक समय तक तेज धूप तथा गर्मी में बाहर रहने से लू लगने की संभावना अधिक रहती है। लिहाजा लू से बचाव का सबसे आसान तरीका है कि कभी भी खाली पेट घर से ना निकलें। घर से निकलने पर चेहरे तथा सर को अच्छी तरह से ढंककर निकलें। चिकित्सकों ने तो पालकों को विशेष रूप से हिदायत देते हुए बच्चों को दिनभर घर के अंदर ही रखने की सलाह दी है तथा दोपहर 11 बजे से 4 बजे तक आवश्यक ना हो तो घर से बाहर नहीं निकलने की बात कही है। नगर में पड़ रही भीषण गर्मी तथा लू का असर इन दिनों पूरे नगर में नजर आ रहा है।
बढ़ते गर्मी के बीच पेट दर्द, लू , बुखार, उल्टी दस्त के मरीजों की संख्या में भारी बढ़ोतरी सबसे ज्यादा बच्चे ग्रसित
अस्पतालों में मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है. नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों उमस और तेज गर्मी ने लू , वायरल बुखार, उल्टी दस्त के मरीजों की संख्या बढ़ा दी है. साथ ही मौसमी बीमारियों का कहर भी बढ़ रहा है. शहर के शासकीय एवं निजी क्लीनिकों में रोजाना मरीजों की संख्या बढ़ रही है. जब हमारे रिपोर्टर शहर के सिविल अस्पताल पहुंचे तो देखे अस्पताल में सबसे ज्यादा लू से बच्चे ग्रसित है अभी वर्तमान में। सिविल अस्पताल में डेढ़ साल से लेकर 14 साल के 7 बच्चे लूं से ग्रसित होकर सिविल अस्पताल में भर्ती हैं । ओपीडी में रोजाना मरीजों की लंबी लाइन लग रही है बीमारियों में लू, वायरल बुखार, उल्टी दस्त, दर्द, मलेरिया के मरीज सबसे ज्यादा सामने आ रहे है. डॉ.पंकज वैष्णव ने बताया कि ओपीडी से ही मरीजों को दवाई सहित रक्त परीक्षण जैसी कार्यवाही कर सतर्कता बरतने कहा जा रहा है, तो दूसरी ओर ज्यादा गंभीर स्थिति वाले मरीजों को भर्ती भी किया जा रहा है। भरी गर्मी से पेट दर्द, उल्टी दस्त सहित वायरल बुखार की परेशानी भी सामने आ रही है. ऐसे में लोगों को उपचार के साथ बीमारियों से बचने के तरीके बताए जा रहे है.
डॉ. पंकज वैष्णव के अनुसार हीट स्ट्रोक यानी लू के प्रमुख लक्षणों में तेज बुखार, बदन दर्द, आंखों का लाल होना, तेज सुस्ती तथा कभीकभार झटके आना है। लू के प्रमुख उपचार में लू के मरीजों को अधिक से अधिक पानी पिलाना चाहिए तथा मरीजों को ठंडे स्थान पर आराम करना चाहिए। घरेलू उपचार में आम का पना, बेल का शरबत, नींबू का शरबत, प्याज का रस काफी लाभकारी होता है। वहीं लू के मरीजों को चिकित्सक की सलाह पैरासीटामॉल दवा भी देना चाहिए। चिकित्सकों के अनुसार लू से बचने के लिए सबसे बेहतर है कि कभी भी खाली पेट घर से ना निकलें। दो से तीन गिलास ठंडा पानी पीकर निकलने पर लू का असर बेहद कम होता है।