ग्राम पंचायत उदयपुर में व्यावसायिक परिसर के बार-बार आवंटन निरस्त करने पर प्रशासनिक कार्रवाई पर उठ रहे सवाल
जिला युकां अध्यक्ष ने कलेक्टर को पत्र लिखकर क्या सवाल
क्या बेरोजगारों को नियमानुसार परिसर आवंटन करना गलत हैं
सत्यमेव न्यूज/खैरागढ़. ग्राम पंचायत उदयपुर में नवनिर्मित 8 व्यावसायिक परिसर के नीलामी आवंटन में बार-बार निरस्ती आदेश आने पर परेशान होकर युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष सभापति गुलशन तिवारी ने कलेक्टर को आवेदन देकर सवाल किया है कि क्या किसी बेरोजगार युवा को ग्राम पंचायत के द्वारा रोजगार देना गलत है आपको बता दे की ग्राम पंचायत उदयपुर में मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना के अंतर्गत 8 लाख 92 हजार की लागत से 4 नग एवं पंचायत विकास मद से 7 लाख 30 हजार की लागत से 4 नग व्यावसायिक परिसर का निर्माण किया गया है. व्यवसायिक परिसर निर्माण करने के पूर्व जिस जगह पर व्यावसायिक परिसर का निर्माण होना है. उसी जगह पर करीब 20 वर्षों से गांव के ही बेरोजगार व्यक्तियों के द्वारा व्यवसाय किया जाता रहा है पूर्व व्यवसाय कर रहे व्यक्तियों को परेशानी ना हो इसलिए ग्राम पंचायत के द्वारा व्यवसायियों को लिखित आश्वासन दिया गया की व्यावसायिक परिसर का निर्माण होने के पश्चात् इन्ही व्यवसायियों को आबंटन में प्राथमिकता दी जाएगी प्राथमिकता के आधार पर ग्राम की ही शिक्षित युवा बेरोजगार जो पूर्व में उसी जगह पर व्यापार कर रहे थे उनको कंपलेक्स आवंटित किया गया है जिस पर जनपद पंचायत छुईखदान के द्वारा ग्राम पंचायत उदयपुर को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है.
8 नग व्यावसायिक परिसर का निर्माण होने के पश्चात ग्राम पंचायत के द्वारा आवंटन प्रक्रिया के लिए ग्रामीणों को आमंत्रित किया जिस पर ग्राम के शेख सुबरात नामक व्यक्ति के द्वारा व्यावसायिक परिसर की गुणवत्ता खराब होने एवं आबंटन निरस्त करने का शिकायत जनपद पंचायत छुईखदान को प्रस्तुत किया गया था. शिकायत के आधार पर नियमानुसार आबंटन प्रक्रिया का पालन नहीं होने का कारण बताते हुए आबंटन निरस्त करने का आदेश कर दिया गया . निरस्त होने के पश्चात ग्राम पंचायत उदयपुर के द्वारा जिला पंचायत राजनांदगांव के नाम से नवनिर्मित व्यवसायिक परिसर का आबंटन कराने के व्यावसायिक परिसर के मूल्यांकन सत्यापन एवं पूर्णता प्रमाण पत्र के साथ आवेदन प्रस्तुत किया गया आवेदन के अनुसार जिला पंचायत राजनांदगांव से शासन के नियमानुसार व्यावसायिक परिसर का आबंटन आदेश दिया गया. जिला पंचायत राजनांदगांव के आदेश अनुसार सभी नियमों का पालन करते हुये ग्राम पंचायत के द्वारा सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित कर आबंटन प्रक्रिया के लिए ग्राम पंचायत में मुनादी कराकर ग्राम पंचायत स्तर पर आदेश जारी कर इच्छुक ग्राम वासियों को आवेदन करने के लिए आमंत्रित किया गया. आवेदन मिलने के पश्चात ग्राम पंचायत के द्वारा पात्र हितग्राहियों का नाम ग्राम पंचायत ग्राम के प्रमुख स्थानों पर चस्पा कराकर व दावा आपत्ति के लिए 7 दिनों का समय दिया गया. शिकायतकर्ता शेख सुबरात द्वारा दोबारा जनपद पंचायत में शिकायत किया गया शिकायत के आधार पर जनपद पंचायत के द्वारा दोबारा 11 मार्च को व्यवसायिक परिषद के आबंटन को निरस्त कर दिया गया व जनपद पंचायत में कार्यरत चार अधिकारियों को का जांच दल बनाकर प्रतिवेदन एक सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करने का आदेश जारी किया गया परंतु आज पर्यंत तक अधिकारियों द्वारा जांच नहीं किया गया है. 28 मार्च को तीसरी बार शेख सुबरात के द्वारा शिकायत किया गया कि एक नग व्यावसायिक परिसर को बिना किसी नीलामी सूचना के रुपया लेकर आबंटन कर दिया गया है शिकायत के आधार पर 15 अप्रैल 2024 को पुनः जनपद पंचायत के द्वारा ग्राम पंचायत उदयपुर को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है जबकि ग्राम पंचायत के द्वारा सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर व्यावसायिक परिसर का आबंटन किया गया है. पिछले 6 माह से चल रहे आबंटन प्रक्रिया में जनपद पंचायत के द्वारा जो व्यवधान उत्पन्न किया जा रहा है. परेशान होकर सभापति गुलशन तिवारी ने कलेक्टर से सवाल कर जवाब मांगा है कि क्या ग्राम पंचायत के प्रस्ताव का कोई औचित्य नहीं है? क्या किसी बेरोजगार युवा को ग्राम पंचायत के द्वारा रोजगार देना गलत है? क्या जनपद पंचायत छुईखदान के द्वारा बार बार व्यासायिक परिसर आबंटन को निरस्त करना सही है? क्या जिला पंचायत राजनांदगांव के नियमों का पालन करते हुये व्यावसायिक परिसर का आबंटन करना गलत है? जनपद पंचायत के द्वारा व्यावसायिक परिसर के निरस्ती का जो बार-बार खेल चल रहा है उससे ग्रामीण परेशान है. उचित जवाब नही मिलने एवं व्यावसायिक परिसर का आबंटन नहीं हुआ तो मजबूरन ग्राम वासियों के साथ उग्र आंदोलन किया जायेगा.