गौरैया दिवस मनाकर छात्रों ने लिया गर्मी में पक्षियों को बचाने का संकल्प
नवागांव स्कूल में हुआ आयोजन
सत्यमेव न्यूज/खैरागढ़. शासकीय प्राथमिक शाला नवागांव कला में गौरैया दिवस मनाया गया इसके लिए बच्चों को कुछ सार्थक वीडियो दिखलाकर गौरैया के संरक्षण के लिए प्रेरित किया गया वहीं चित्रकला व निबंध लेखन का आयोजन हुआ. छत्तीसगढ़ की संस्कृति के अनुरूप चिरई-चुरागुन धान की बोलियां से झालरें बना उनके लिए पेड़ों पर लटकाया गया और पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था अपने-अपने घर के छत पर आंगन में करने का संकल्प लिया. अगर उनका घोसला घरों में है तो उसे न तोड़ने के लिए समझाईश दी गई. कार्यक्रम में बच्चों ने बढ़-चढ़कर शिरकत की. प्रधान पाठक श्रीमती सुनीता ठाकुर के संयोजन में श्रीमती गंगा यादव एवं श्रीमती नैन वर्मा द्वारा बच्चों को प्रेरणा दी गई. इस अवसर पर सभी एस एमसी, पालक, माताएं, ग्रामीण सबने पक्षियों के संरक्षण का संकल्प लिया. ज्ञात हो कि हर साल 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद है कि लोगों में जागरूकता बढ़ाई जा सके, ताकि सामाजिक रूप से हमारे सांस्कृतिक परिवेश में चहकती पक्षी गौरैया को जो विलुप्त हो रही हैं और जो हमारे जैव चक्र का भी हिस्सा हैं उन्हें बचाया जा सके. जानकार बताते हैं कि गौरैया की विलुप्ति का कारण इंसान की बदलती जीवन शैली है. पिछले 15 सालों में गौरैया की संख्या में 70 से 80 फ़ीसदी तक की कमी आई है. इसका मुख्य कारण शहरीकरण, रासायनिक प्रदूषण और रेडिएशन के बढ़ते प्रभाव को माना जा रहा है. साल 2024 के विश्व गौरैया दिवस की आधिकारिक थीम “आई लव स्पैरोज़” रही है. यह थीम इंसानों और गौरैया के बीच विशेष संबंध को उजागर करती है.