गांव-गांव में फैले हैं पटवारियों के एजेंट, भूमि संबंधी कामों में होता है रूपयों का लेनदेन

सरकारी काम कराने किसानों को उठाना पड़ रहा आर्थिक नुकसान

सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. केंद्र सरकार तथा प्रदेश की सरकार के द्वारा किसानों के लिये नई-नई योजनाएं लागू की जा रही है जिसके माध्यम से किसानों को सीधा लाभ मिल सके लेकिन अंचल में कुछ पटवारियों के द्वारा काम करवाने के एवज में लंबी रकम वसूली जा रही है. किसानों से लेनदेन के लिये पटवारियों द्वारा एजेंट नियुक्त किया गया है जिनके द्वारा किसानों से लेनदेन कर मोटी रकम वसूली जाती है. इसी तरह एक मामला भोलेभाले आदिवासी किसानों से पर्चा में नाम सुधरवाने के एवज में मोटी रकम वसूलने का है. खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिला बने कुछ ही दिन हुआ है और जिले के अंतिम छोर पर बसे ग्राम पंचायत भंडारपुर के आश्रित ग्राम बनबोड़ में कई किसानों की आर्थिक स्थित खराब है.

किसान अपने बैंक से कर्ज नहीं ले पा रहे हैं क्योंकि पटवारी के एजेंट के रूप में काम कर रहे मनोहर वर्मा के द्वारा चलाकी से परिवार का पर्चा अलग करते समय नाम इधर का उधर कर दिया गया जिससे नाम सुधरवाने के लिये पहुंचने वाले किसानों से मोटी रकम वसूल सके. गांव के किसानों ने बताया कि 9 माह पूर्व किसान धुरसिंग ने अपने परिवार से अलग होने के बाद पर्चा में नाम सुधरवाने के लिये पटवारी के सहयोगी माने जाने वाले मनोहर वर्मा निवासी ग्राम खैरा थाना ठेलकाडीह को दिया था जो पिछले 5-7 सालों से पटवारी के सहयोगी के रूप में काम कर रहा है. मनोहर ने किसान धुरसिंग का पर्चा सुधरवाने के लिये 1 लाख 30 हजार रुपये की मांग किया जिसके बाद मजबूर आदिवासी किसान ने उसे 70 हजार रुपये देने का वादा किया जिसमें से 40 हजार रुपये भी दे डाला लेकिन पैसा देने के बाद भी किसान का नाम सुधार नहीं हो पाया है.

किसानी कार्य को लेकर वर्तमान में किसानों को पैसों की जरूर होती है लेकिन पर्चा में नाम सही नहीं होने की वजह से किसान धुरसिंग को लोन नहीं मिल पा रहा है और ना ही अन्य योजनाओं का सीधा लाभ पहुँच रहा है. वहां पदस्थ महिला पटवारी से एजेंट के बारे में पूछने पर उन्होंने बताने से मना कर दिया. ग्रामीणों ने कहा कि पटवारी का काम मनोहर वर्मा के द्वारा ही किया जाता है वहीं महिला पटवारी ने भी कहा कि मैं स्वयं मनोहर वर्मा के खिलाफ शिकायत करूंगी.

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