खैरागढ़ विश्वविद्यालय में महाकवि निराला जयंती के साथ मनाया गया वसंत उत्सव

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. इन्दिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के संयोजन में संकाय स्तर पर महाकवि निराला जयंती के साथ वसंत उत्सव का आयोजन संपन्न हुआ। प्रो.मृदुला शुक्ल अधिष्ठाता कला संकाय की अध्यक्षता में सर्वप्रथम मां सरस्वती की अर्चना व वंदना की गई। स्वागत उपरान्त डॉ.देवमईत मिंज सह प्राध्यापक ने निराला रचित प्रसिद्ध एवं लम्बी कविता ‘राम की शक्ति पूजा का गान किया उन्होनें निराला काव्य की विशिष्टता पर भी प्रकाश डाला। डॉ.कौस्तुभ रंजन मिश्र सह प्राध्यापक अंग्रेजी ने निराला की कविताएँ और अंग्रजी कवि शैली, कीट्स एवं वर्ड्सवर्थ की कविताओं पर सारगर्भित तुलनात्मक वक्तव्य दिया। सह प्राध्यापक डॉ.पूर्णिमा केलकर संस्कृत विभाग ने संस्कृत साहित्य में वर्णित वसंत का परिचयात्मक वक्तव्य देते हुए निराला की कविताओं का सुंदर पाठ किया। प्रो.राजन यादव विभागाध्यक्ष हिन्दी ने वसंतपरक अनेक कवियों के छंदों का सस्वर गान करते हुए बताया कि निराला जी का काव्य विविध वर्णीय है एवं ज्ञानवर्धन व गरिमापूर्ण इस आयोजन के लिए प्रो. यादव ने हिन्दी साहित्य परिषद एवं शोधार्थियों की खूब प्रशंसा की। प्रो.मृदुला शुक्ल ने निराला साहित्य एवं संस्कृत साहित्य में वर्णित वसंतपरक रचनाओं पर सारगर्भित प्रकाश डाला। उन्होनें अंग्रेजी और हिन्दी काव्य के तुलनात्मक अध्ययन के लिए विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों को प्रेरित किया। शोधार्थी मुमताज परवीन, लोभन वर्मा एवं रामेश्वरी महिलांगे सहित विद्यार्थियों में शीतला कहरा, गायत्री वर्मा, रामकृष्ण, संगम मिश्रा, प्रिय श्रीवास, छाया गोस्वामी, रुधीरचंद्र साहू, चिराग यादव, आयुष जैन एवं शैल कुमारी ने संस्कृत अंग्रेजी के वसंतपरक और निराला की कविताओं का गान किया। कार्यक्रम में सह प्राध्यापक डॉ.मंगलानद झा, अतिथि प्राध्यापकों में डॉ.चैनसिंह नागवंशी, डॉ.लक्ष्मी श्रीवास्तव एवं डॉ.मुजफ्फर उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में शोधार्थी सविता वैष्णव, चांद शेख, कृष्ण कुमार नेताम, दीप्ति जंघेल, मानसी रजक एवं नागेश्वरी का सराहनीय योगदान रहा। कार्यक्रम में हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी विभाग के विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों के साथ अन्य विभागों के विद्यार्थी भी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन शोधार्थी ज्ञानेश्वरी एवं सरिता पटेल ने तथा आभार व्यक्त हिन्दी साहित्य परिषद की अध्यक्ष दिव्या ब्रह्मभट्ट ने किया ।

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