खैरागढ़ महाविद्यालय में अतिथि व्याख्यान के साथ हुआ ग्रंथपाल का सम्मान
सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ़. रानी रश्मिदेवी सिंह शासकीय महाविद्यालय खैरागढ़ एम.ए. हिन्दी विभाग में 17 अक्टूबर गुरुवार महर्षि वाल्मीकि जयंती पर भारतीय काव्यशास्त्र विषय पर अतिथि व्याख्यान आयोजित हुआ। सर्वप्रथम मां सरस्वती के तैल चित्र पर माल्यार्पण दीप प्रज्ज्वलित कर अतिथियों का पुष्प गुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया। मुख्य वक्ता डॉ.देवमाइत मिंज एसोसिएट प्रोफेसर इ.क.सं. विश्वविद्यालय खैरागढ़, छात्रसंघ प्रभारी जेके वैष्णव, प्रो.यशपाल जंघेल, डॉ.मेधाविनी तुरे, डॉ.उमेंद चन्देल उपस्थित रहे। मुख्य वक्ता डॉ.देवमाइत मिंज ने भारतीय काव्य शास्त्र पर रस सिद्धांत को सरलता से प्रस्तुत करते हुये विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से विस्तार पूर्वक जानकारी दी और कहा कि मनुष्य की चिंतन की प्रवृत्ति में रजो गुण तमो गुण सतो गुण के कारण ही कला एवं साहित्य के उद्भव होता है एवं काव्यशास्त्रीय सिद्धांतों के वर्णन को समझायी। यशपाल जंघेल ने हिन्दी साहित्य के अध्ययन में भारतीय काव्यशास्त्र का महत्व को सर्वोपरि बताया। महाविद्यालय के वरिष्ठ ग्रंथपाल जेके वैष्णव के शहडोल जिले से स्थानांतरण पश्चात 34 वर्षों से खैरागढ़ कालेज में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान, सरल स्वभाव को रेखांकित किया। वरिष्ठ ग्रंथपाल जेके वैष्णव ने सेवा अवधि में संगीत नगरी खैरागढ़ के संस्कारित छात्र छात्राओं का अनुशासनात्मक व्यवहार के प्रति आभार व्यक्त किया। अतिथि व्याख्यान में उपस्थित अतिथियों ने अक्टूबर 2024 में सेवानिवृत्त होने पर हिन्दी विभाग की ओर से वरिष्ठ ग्रंथपाल जेके वैष्णव को बैच लगाकर प्रतीक चिन्ह, पुष्प गुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डॉ.मेधाविनी तुरे सहित स्टाफ सदस्य एवं एम.ए हिन्दी विभाग सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम संचालन डॉ.उमेंद चंदेल ने आभार प्रदर्शन यशपाल जंघेल ने किया।