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ओलावृष्टि से बर्बाद हुई मूंग की फसल, किसान अब तक मुआवजे के इंतजार में

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. क्षेत्र के किसान इस बार गर्मी के मौसम में मूंग की खेती कर अपने परिवार की आजीविका सुधारने का प्रयास कर रहे थे लेकिन 1 मई 2025 को आई भीषण ओलावृष्टि ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया। पूरा क्षेत्र बारिश और ओलों की चपेट में आ गया, जिससे करमतरा सहित आसपास के गांवों में मूंग की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई। फसल क्षति का आकलन 6 मई 2025 को कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों पटवारी द्वारा कर लिया गया था। किसानों को उम्मीद थी कि उन्हें शीघ्र राहत राशि प्रदान की जाएगी लेकिन डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी अब तक उन्हें कोई मुआवजा नहीं मिल सका है। इस संबंध में किसानों ने पूर्व में भी जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था। उस दौरान कलेक्टर द्वारा शीघ्र मुआवजा वितरण का आश्वासन दिया गया था परंतु स्थिति जस की तस बनी हुई है। छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने जिला कलेक्टर को पुनः आवेदन सौंपकर मांग की है कि किसानों की इस गंभीर समस्या को प्राथमिकता दी जाए और प्रभावितों को शीघ्र मुआवजा राशि प्रदान की जाए। संगठन ने कहा कि मूंग की यह गर्मी फसल किसान परिवारों की आजीविका का प्रमुख साधन थी लेकिन प्राकृतिक आपदा के चलते उनका आर्थिक संतुलन पूरी तरह बिगड़ गया है। सेना के पदाधिकारियों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र राहत राशि जारी नहीं की गई तो आंदोलनात्मक कदम उठाए जाएंगे। किसानों का कहना है कि जब नुकसान का आकलन समय पर कर लिया गया तो अब तक मुआवजा वितरण में देरी क्यों हो रही है इस लापरवाही से किसान आर्थिक संकट में फंस गये हैं। प्रभावित किसानों की मुख्य मांग है कि ओलावृष्टि से हुई फसल क्षति की क्षतिपूर्ति हके लिये शीघ्र राहत राशि जारी की जाये ताकि वे आगामी खरीफ सीजन की तैयारी कर सकें।

Satyamev News

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