खैरागढ़ नगर पालिका के अध्यक्ष पद से शैलेंद्र वर्मा की विदाई तय!
हाई कोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद शैलेन्द्र की तय मानी जा रही रवानगी
सत्यमेव न्यूज/खैरागढ़. नगर पालिका में अध्यक्ष पद पर शैलेंद्र वर्मा के बने रहने को लेकर समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही. मामले में पहले त्यागपत्र फिर पालिका के ससीएमओ पर लेटर पैड के दुरूपयोग का आरोप लगाकर त्यागपत्र देने से इंकार करने के बाद और फिर अध्यक्ष पद पर बने रहने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बाद भी अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा की अध्यक्ष पद से विदाई लगभग तय मानी जा रही हैं. हालांकि उनके द्वारा सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के हिसाब से आगे कारवाई की बात कही जा रही है लेकिन अब हाईकोर्ट मे याचिका पहले सिंगल फिर डबल बेंच मे खारिज होने के बाद अध्यक्ष पद मे बने रहने श्री वर्मा को राहत मिल पाना विधि के जानकारों के मुताबिक कठिन लग रहा हैं. दूसरी और अब गेंद नगरीय प्रशासन विभाग के पाले मे आ गई है, पुलिस ने भी सीएमओ के खिलाफ हस्ताक्षरयुक्त लेटर पैड मे फर्जी तरीके से इस्तीफा टाइप करने वाले शिकायत आवेदन पर भी लगभग जॉच पूरी कर ली है जिसमे संभावना है कि संबंधितो के बयान और परीक्षण बाद तैयार जॉच प्रतिवेदन मे शैलेंद्र वर्मा द्वारा खुद इस्तीफा देने की पुष्टि हो चुकी है और जल्द ही इस पर निर्णय आ सकता है.
मियाद पूरी होने के पहले दुबारा याचिका लगाने पर हाई कोर्ट ने शैलेंद्र पर लगाया था जुर्माना
फरवरी महीने की सत्रह तारीख को नपा अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा द्वारा पहले सीएमओ उसके बाद नगरीय प्रशासन विभाग के अवर सचिव को 13 फरवरी को इस्तीफा सौंपने की जानकारी सार्वजनिक हुई जिसके बाद हड़बड़ाए कांग्रेसियो ने 18 फरवरी को थाने मे आवेदन देकर सीएमओ प्रशांत शुक्ला पर अध्यक्ष के हस्ताक्षरयुक्त लेटर पैड मे इस्तीफा टाइप कराने और नगरीय प्रशासन विभाग को प्रेषित करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग की वही दो दिन बाद नगरीय प्रशासन विभाग मे पत्र लिखकर इस्तीफे को फर्जी बताते हुए अस्वीकार करने की मांग की थी. इस बीच राहत की उम्मीद मे शैलेंद्र वर्मा ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और पद पर बने रहने देने की मांग की जिस पर कोर्ट ने नगरीय प्रशासन विभाग को एक महीने के भीतर प्रकरण मे वाजिब निर्णय लेने कहा था. निर्धारित मियाद पूरी होने के दौरान ही शैलेंद्र वर्मा ने दुबारा हाईकोर्ट मे इस मामले को लेकर याचिका दायर कर दी जिससे नाराज कोर्ट ने दस हजार का जुर्माना भी उन पर ठोंका और 24 अप्रैल तक नगरीय प्रशासन विभाग को प्रकरण से संबंधित सारी जानकारी देने कहा. सिंगल बेंच के बाद डबल बेंच ने भी मामले को खारिज कर कारवाई यथावत रखने कहा है. इसके अलावा प्रकरण मे थाने व जिला प्रशासन की जॉच भी लगभग पूरी होने की जानकारी मिल रही है. इस स्थिति मे शैलेंद्र वर्मा का पद से जाना लगभग तय माना जा रहा है.