
दो माह से हुक्का-पानी बंद, पीड़िता पहुंची जिला प्रशासन के द्वार
न्याय की गुहार, सामाजिक उत्पीड़न से त्रस्त महिला ने सौंपा ज्ञापन
गांव के रसूखदारों ने ₹51 हजार जुर्माना लगाकर परिवार को किया बहिष्कृत
बहू-बेटे से की बेजा मारपीट और माँ-बहन की गाली-गलौज
अपर कलेक्टर सुरेंद्र ठाकुर को जिला कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन
पीड़ित ने गांव के रसूखदार दोषियों पर की कार्रवाई की मांग
सत्यमेव न्यूज के लिये मनोहर सेन। खैरागढ़ जिला मुख्यालय से महज 13 किमी दूर ग्राम राहूद (पुलिस चौकी जालबांधा) की निवासी श्रीमती दुर्गा बाई वर्मा पति ध्यानंद वर्मा ने गांव के कुछ लोगों पर सामाजिक उत्पीड़न, मारपीट और अभद्र व्यवहार का गंभीर आरोप लगाते हुए जिला प्रशासन से संरक्षण और न्याय की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने जिला कलेक्टर के नाम अपर कलेक्टर सुरेंद्र ठाकुर को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि गांव के सियान माने जाने वाले दशरथ वर्मा के इशारे पर ग्रामसभा जैसी बैठक कर उनके परिवार को पिछले दो महीनों से समाज से बहिष्कृत कर दिया गया। परिवार पर ₹51,000 का जुर्माना थोप दिया गया और गांव में हुक्का-पानी, बोलचाल एवं सामाजिक संपर्क पूरी तरह बंद कर दिया गया है जिसके कारण दुर्गा बाई और उसका परिवार नारकीय जीवन जीने को मजबूर है। दुर्गा बाई ने यह भी बताया कि जब उनके बेटे और बहू ने इस मनमानी का विरोध किया तो ग्राम कोटवाल मदन ठाकुर ने उन्हें जबरन घर से बाहर खींच लिया जिसके बाद गांव के कुछ लोगों ने मारपीट कर जान से मारने की धमकी तक दी। आरोप है कि इस दौरान महिला सदस्य के साथ गाली-गलौज और अभद्र टिप्पणियां भी की गईं। ज्ञापन में मामले के आरोपी अनुपलाल वर्मा, जगदीश वर्मा, बिरबल वर्मा, गोरेलाल वर्मा, शत्रुशाल वर्मा, सरपंच तेजराम वर्मा, सुदामा वर्मा, बाबूलाल वर्मा, रामसिंह वर्मा, गजरू वर्मा, देवशरण वर्मा, जयलाल वर्मा, सखत वर्मा, बालदेव वर्मा और ग्राम कोटवाल मदन ठाकुर के विरुद्ध कार्रवाई और न्याय की गुहार की गई है।
पीड़िता ने प्रशासन से की समुचित न्याय की मांग
पीड़िता ने कहा कि पूरे परिवार को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर गांव में रहना मुश्किल कर दिया गया है जबकि मामले की जानकारी पूर्व में जालबांधा पुलिस चौकी सहित पुलिस के आला अधिकारियों को दी जा चुकी है बावजूद इसके कोई न्याय पूर्वक कार्रवाई नहीं हो रही है जिससे पूरा परिवार बेहद दुखी है। उन्होंने जिला प्रशासन से अपील की है कि निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि गांवों में इस तरह का सामाजिक अत्याचार और मनमानी दोबारा न हो।