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खैरागढ़ के बकरकट्टा में नक्सली दंपति के आत्मसमर्पण के अगले ही दिन आईटीबीपी का हाई-प्रोफाइल दौरा

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़। छत्तीसगढ़ के खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के बकरकट्टा क्षेत्र में बुधवार को 20 लाख के इनामी नक्सली दंपति के आत्मसमर्पण के बाद सुरक्षा गतिविधियों में तेजी दर्ज की गई है। इसी क्रम में गुरुवार को इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के शीर्ष अधिकारियों ने बकरकट्टा पहुंचकर फोर्स की गतिविधियों और सुरक्षा रणनीति का प्रत्यक्ष निरीक्षण किया। उच्चस्तरीय दौरे को नक्सल मोर्चे पर जारी सफल अभियानों से जोड़कर देखा जा रहा है।

गुरुवार सुबह आईटीबीपी के डीजीपी प्रवीण कुमार, आईजी अजय पाल सिंह और डीआईजी अनवर इलाही बकरकट्टा पहुंचे। अधिकारियों ने कैंप में तैनात जवानों के साथ बैठक कर सुरक्षा हालात, अभियान की प्रगति और फील्ड चुनौतियों पर चर्चा की। इस दौरान सहायक कमांडेंट विनोद शर्मा एवं अन्य आईटीबीपी अधिकारी भी मौजूद रहे। जिला पुलिस की ओर से एएसपी नितेश गौतम, आरआई राजू एवं बकरकट्टा थाना प्रभारी कैलाश साहू ने जिला पुलिस की ओर से वरिष्ठ अधिकारियों का स्वागत किया। सूत्रों के अनुसार डीजीपी प्रवीण कुमार ने कंपनी स्टाफ के सभी जवानों से मुलाकात की। उनकी समस्याएं सुनीं और मनोबल ऊंचा रखने के लिए प्रोत्साहित किया। अधिकारी दल ने कैंप की सुविधाओं के विस्तार और रणनीतिक जरूरतों का भी आकलन किया।

आईटीबीपी का दल भारतीय वायुसेना के आईएफ–एमआई 17 हेलीकॉप्टर के माध्यम से बकरकट्टा पहुंचा।
सुदूर वनांचल क्षेत्र में हेलीकॉप्टर की अचानक आवाजाही से स्थानीय वनवासियों में कौतूहल का माहौल बन गया। दौरे के दौरान अधिकारियों ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से लगे सरहदी क्षेत्रों में सक्रिय नक्सली गतिविधियों की समीक्षा की। पुलिस व आईटीबीपी द्वारा संयुक्त रूप से चलाए जा रहे अभियानों को और प्रभावी बनाने पर भी विशेष चर्चा की गई।

छत्तीसगढ़ शासन की नक्सली पुनर्वास नीति के तहत सुरक्षा बलों द्वारा लगातार अवसर और संवाद की पहल की जा रही है। बकरकट्टा में नक्सली दंपत्ति का आत्मसमर्पण उसी नीति के सकारात्मक परिणाम के रूप में देखा जा रहा है। अधिकारियों ने भी इस पहल को आगे बढ़ाने और नक्सल प्रभावित क्षेत्र में विश्वास बहाली की प्रक्रिया को मजबूत करने की बातें कहीं।

नक्सली गतिविधियों की संभावनाओं को देखते हुए जिला पुलिस बल एसपी लक्ष्य विनोद शर्मा के नेतृत्व में वनांचल क्षेत्रों में सघन सर्चिंग अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस की रणनीति में पहली बार वरिष्ठ अधिकारी भी जवानों के साथ जमीनी स्तर पर सर्च अभियान में शामिल हो रहे हैं। सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक यदि जिले के सीमावर्ती जंगलों में नक्सली किसी प्रकार की गतिविधि करते हैं तो आगे किसी भी स्थिति यहां तक कि संभावित मुठभेड़ के लिए सुरक्षा बल तैयार हैं। नक्सली आत्मसमर्पण की सफलता के बीच आईटीबीपी का अचानक हुआ यह उच्च-स्तरीय दौरा समूचे क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को नए आयाम दे रहा है। संयुक्त अभियान, फोर्स का बढ़ता मनोबल और पुनर्वास नीति के सकारात्मक परिणाम बताते हैं कि जिले में नक्सल मोर्चे पर सुरक्षा बल निर्णायक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

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