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खैरागढ़ के धरमपुरा में संचालित मनोहर गौशाला के नाम जुड़ी एक और उपलब्धि

मनोहर गौशाला की फसल पर्यावरण संरक्षण व मानव स्वास्थ्य के लिये बहुउपयोगी

कामधेनु व गौ सेवा के लिये देशभर में प्रसिद्ध है गौशाला

इंदिरा गांधी कृषि विवि व रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिक कर रहे रिसर्च

सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. खैरागढ़ के धरमपुरा में बीते एक दशक से संचालित हो रहे मनोहर गौशाला के नाम एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है. प्रदेश के बहुप्रतिष्ठित वैज्ञानिकों ने मनोहर गौशाला की फसल को पर्यावरण संरक्षण व मानव स्वास्थ्य के लिये बहुउपयोगी माना है. जानकारी अनुसार इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय व रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिकों की मनोहर गोशाला खैरागढ़ के फसल अमृत पर चल रहे रिसर्च पर एक महती बैठक रायपुर में हुई, बैठक की अध्यक्षता यूनिवर्सिटी के रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर डॉ.विवेक त्रिपाठी ने की वहीं इस दौरान 5 अन्य कृषि वैज्ञानिकों ने मनोहर गौशाला में निर्मित फसल अमृत को पर्यावरण संरक्षण व मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी बताया है. वैज्ञानिकों ने कहा है कि इसके प्रत्येक पहलू पर शोध किया जायेगा. शोध कार्य के लिए वैज्ञानिक डॉ.एलके श्रीवास्तव को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जिसके बाद डॉ.एलके श्रीवास्तव ने कहा कि फसल अमृत देश के कृषकों के लिए अनुपम उपहार है.

मनोहर गौशाला के फसल अमृत के प्रचार-प्रसार के लिये पूरे देश का भ्रमण जारी

गौशाला में उपजाई जा रही फसल अमृत के प्रचार-प्रसार के लिये देशभर का भ्रमण किया जा रहा है. उक्ताशय की जानकारी देते हुये बैठक में मनोहर गौशाला के मैनेजिंग ट्रस्टी अखिल जैन (पदम डाकलिया) ने बताया कि फसल अमृत के प्रचार-प्रसार के लिए पूरे देश का भ्रमण जारी है. अब तक 11 राज्यों में गौशाला प्रबंधन को इसकी निर्माण की जानकारी दी जा चुकी है वहीं 70 हजार लीटर फसल अमृत का नि:शुल्क वितरण किया जा चुका है. इसका उद्देश्य है किसान इसकी उपयोगिता जानकर गोवंश को सुरक्षित करें ताकि गोवंश अधिकतर कृषक के पास रहे. बैठक में रिसर्च डायरेक्टर डॉ.विवेक त्रिपाठी, वैज्ञानिक डॉ.एलके श्रीवास्तव, डॉ.के टेडिया, डॉ.एचएल सोनबोर, डॉ.धनंजय शर्मा, डॉ.अर्चना प्रसाद और डॉ.बिप्लव चौधरी व मनोहर गौशाला के मैनेजिंग ट्रस्टी अखिल जैन (पदम डाकलिया) उपस्थित रहे.

जानिये क्यों प्रसिद्ध है खैरागढ़ की मनोहर गौशाला

दरअसल खैरागढ़ के धमरपुरा में स्थापित मनोहर गौशाला इन दिनों पूरे देशभर में चर्चा का विषय है. इसकी प्रसिद्धी को लेकर कोई एक कारण नहीं लेकिन मोटे तौर पर गौशाला में भक्ति भाव के साथ गौधन की सेवा व सुरक्षा का संकल्प इसे उत्कृष्ट बनाता है साथ ही मनोहर गौशाला में माँ कामधेनु साक्षात विराजित हैं जो पर्यटन, आकर्षण व गोधन श्रद्धा का व्यापक केन्द्र है. इसके साथ ही गौशाला में गोमूत्र से अमृत तुल्य औषधि तथा गोबर से उत्कृष्ट खाद का निर्माण तथा अन्य धार्मिक कार्य में उपयोग की जाने वाली वस्तुएं यहां बनाई जाती है. खास बात यह है कि इस गौशाला से सीधे राज् यपाल सुश्री अनुसूईया उईके का सीधा जुड़ाव है और यही की बनी राखियां राज् यपाल द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बांधी जाती है वहीं यहां निर्मित अमृत औषधि तथा अन्य बहुउपयोगी सामग्रियां भी राज् यपाल द्वारा प्रधानमंत्री को सतत भेंट की जाती रही है. वर्तमान में गौशाला में फसल अमृत की उपज भी सुर्खियां बटोर रही है.

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