खैरागढ़ के कुम्हरवाड़ा जंगल से मिला तेंदुए का साबूत खाल

तेंदुए की खाल बेचने तीन आरोपी ढूंढ रहे थे ग्राहक
वन विभाग के खुफिया तंत्र से जुड़े अधिकारियों ने ग्राहक बन पकड़ा
एंटीपोचिंग व वन विभाग की संयुक्त टीम ने की कार्रवाई
सत्यमेव न्यूज/खैरागढ़ . वन मंडल के साल्हेवारा वन परिक्षेत्र स्तिथ कुम्हरवाड़ा के सुदूर जंगल से तीन आरोपियों सहित तेंदुए की साबूत खाल बरामद की गई है. तेंदुए का शिकार कर आरोपी शिकारी उसकी खाल को बेचने ग्राहक ढूंढ रहे थे जिसकी जानकारी होने के बाद वन विभाग के अवैध शिकार विरोधी संयुक्त दस्ते ने आरोपियों को रंगे हाथ धर दबोचा.
तेंदुए का शिकार कर खाल को पेड़ पर सुखाया था

बताया जा रहा है कि शिकारियों ने पहले योजनाबद्ध तरीके से तेंदुए का शिकार किया फिर तेंदुए की खाल को सफाई से खींचकर उसे ऊंचे दाम में बेचने कुम्हरवाड़ा के घने जंगल के बीच बीट क्रमांक पी.153 में एक पेड़ के ऊपर खाल को सुखाकर रखा था. तेंदुए का शिकार कर आरोपी शिकारी बीते कुछ दिनों से ग्राहक ढूंढ रहे थे जिसकी सूचना वन विभाग के एंटी पोचिंग (अवैध शिकार विरोधी) दस्ते को मिली और टीम ने पूरी सक्रियता से आरोपियों को तेंदुए की खाल सहित गिरफ्तार कर लिया.
वन विभाग के संयुक्त दस्ते ने की कार्रवाई

तेंदुए की खाल को बरामद कर शिकारियों को पकड़ने वन मंडल खैरागढ़ व वन मंडल कवर्धा के साथ विभाग की एंटी पोचिंग टीम उदंती सीता नदी टाइगर रिजर्व गरियाबंद के अधिकारी कर्मचारी शामिल थे, जो पहले शिकारियों से ग्राहक बनकर मिले. शिकारी आरोपियों में बालाघाट जिले का रहने वाला अमर सिंह साहू, स्थानीय निवासी सती राम बैगा और गैस लाल सींग शामिल हैं जिन्हें वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा के तहत गिरफ्तार कर छुईखदान के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया जहां से तीनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में सलोनी स्थित खैरागढ़ उपजेल भेज दिया गया है. घटना 5 फरवरी की बताई जा रही हैं.
वन विभाग की टीम आरोपियों से करेगी लगातार पूछताछ
इस मामले के बाद वन विभाग के कान खड़े हो गए हैं. लंबे अंतराल के बाद किसी संरक्षित वन्य प्राणी का निर्ममता से शिकार कर उसकी खाल उतार कर बेचने का मामला सामने आया है, जो गंभीर प्रवृत्ति का है. वन विभाग की टीम अब न्यायिक हिरासत में जेल भेजे गए आरोपी शिकारियों से पूछताछ करेगी जिसमें उनके शिकार करने की प्रवृत्ति और इस तरह के अन्य मामलों में जुड़े होने जैसे तथ्यों पर जांच पड़ताल की जाएगी. गौरतलब है कि वन मंडल के सुदूर वन क्षेत्रों में वन्य प्राणियों के शिकार से जुड़ी घटनाओं की जानकारी मिलती रहती है तथा विभागीय कोताही के कारण शिकारियों के हौसले बुलंद रहते हैं. अब मामला सामने आने के बाद वन मंडल सहित प्रदेश का वन अमला जागरूकता दिख रहा है.
तेंदुए की खाल के साथ तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्हें न्यायालय में पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. मामले में विवेचना के बाद और भी तथ्य सामने आ सकते हैं.
एएल खूंटे, उपवन मंडल अधिकारी