
नगर पालिका ने खुद को दिया 65 लाख का झटका

खैरागढ़ में दुकानों की नीलामी में पार्षदों और उनके परिजनों को सस्ती दरों पर दुकानों का लाभ
पार्षदों के रिश्तेदारों को सस्ते में सरकारी दुकानों का लाभ
नीलामी प्रक्रिया में हुआ बड़ा खेल, नगर पालिका को 65 लाख की चपत
नियमों की हुई अनदेखी, अब जांच पर अटका मामला
सत्यमेव न्यूज के लिए आकाश तिवारी खैरागढ़। नगर पालिका परिषद में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहाँ लगातार मुख्य नगर पालिका अधिकारियों के निलंबन और स्थानांतरण के बावजूद प्रशासनिक कार्यशैली में कोई सुधार नहीं हुआ है। अनुपयोगी सामानों की फर्जी खरीदी के बाद अब दुकानों की नीलामी में नया घोटाला सामने आया है जिससे नगर पालिका को करीब 65 लाख रुपए का आर्थिक नुकसान का अनुमान है। सूत्रों के अनुसार पार्षदों और उनके पतियों के इशारे पर यह पूरी प्रक्रिया इस तरह चलाई गई कि उनके रिश्तेदारों को दुकाने सस्ती दरों पर मिल सकें। ज्ञात हो कि फतेह मैदान और मणिकंचन केंद्र धरमपुरा परिसर में कुल 11 दुकानों की नीलामी दो चरणों में की गई थी। दो चरणों में चला खेल पहले चरण में इन दुकानों की अंतिम बोली 1 करोड़ 48 लाख 42 हजार रुपए तक पहुंची थी लेकिन समयसीमा में किसी बोलीकर्ता ने राशि जमा नहीं की। इसके बावजूद नियमानुसार उन्हें अयोग्य घोषित किए बिना वही पुराने प्रतिभागी पुनः नीलामी में शामिल कर लिए गए। दूसरे चरण की औपचारिकता 14 अक्टूबर 2025 को केवल कागजों पर पूरी की गई। इस बार भी वही पुराने बोलीकर्ता शामिल हुए और उन्हें पिछली बार के मुकाबले लाखों रुपए कम दर पर दुकानें दी गईं।
पार्षदों और रिश्तेदारों को मिला लाभ
मणिकंचन केंद्र धरमपुरा की दुकान क्रमांक 01 अमलीडीह वार्ड पार्षद शत्रुघ्न धृतलहरे की पत्नी उमा धृतलहरे को पहले 14.61 लाख में मिली थी। राशि न चुकाने के बावजूद यह दुकान उन्हें दोबारा केवल 11 लाख में दे दी गई वहीं दुकान क्रमांक 5 और 6 पिपरिया वार्ड पार्षद और कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में गए पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा के भाई नरेंद्र वर्मा को पहले क्रमशः 9.50 और 10.50 लाख में दी गई थी। भुगतान न करने पर वे फिर से मात्र 3.90 और 3.75 लाख में उन्हीं को दे दी गईं। इसी तर्ज पर दुकान क्रमांक 2 पहले 15 लाख में बिकी थी किंतु बाद में वही दुकान केवल 3.80 लाख रुपए में सोनेसरार वार्ड की पार्षद देविन कोठले के देवर त्रिलोक कोठले को दी गई है।
पालिका में घटती बोली और बढ़ता नुकसान
दुकान 3 पहले 12.81 लाख, दूसरी नीलामी में 4.02 लाख रुपए में बिकी। दुकान 14 पहले 12.10 लाख बाद में 3.72 लाख में बिक्री गई। दुकान 18 पहले 12 लाख बाद में 3.90 लाख में बेची गई वहीं दुकान 19 पहले 11.40 लाख बाद में 3.35 लाख में बोली लगा बिक्री हुई।
केवल दुकान 13 की कीमत बढ़ी जो 25 लाख में धरमपुरा वार्ड के खुलेश्वर सिन्हा ने खरीदी है। इन तथ्यों और उदाहरणों से स्पष्ट है कि नीलामी प्रक्रिया में भारी अनियमितता और गड़बड़ी की गई है जिससे नगर पालिका को करीब 65 लाख रुपए का नुकसान अनुमान है।
सीएमओ ने कहा मामले की जांच होगी
मुख्य नगरपालिका अधिकारी कोमल ठाकुर ने पूरे मामले में प्रतिक्रिया देते हुये कहा है कि मैं नीलामी प्रक्रिया के दौरान बाहर था। मामला कर ज्ञान में आया है नियमानुसार जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस बीच मामले की जानकारी होने के बाद नीलामी प्रक्रिया से छूटे अन्य व्यापारी और नागरिक पूरी नीलामी प्रक्रिया को रद्द कर नए सिरे से नीलामी प्रक्रिया को नियमानुसार पूरा किए जाने की मांग कर रहे हैं क्योंकि वर्तमान में खैरागढ़ के व्यावसायिक इलाकों में छोटे से शॉपिंग कंपलेक्स की कीमत भी 20 से 30 लाख रुपए तक आंकी जाती है और पूर्व में भी 3 से 4 लाख रुपए की लागत में बने पालिका के शॉपिंग काम्प्लेक्स के एक कमरे को 15 से 30 लाख रुपए तक पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया अपनाकर बेचा गया है।