खरीफ फसलों की बुआई अंतिम चरण में, खेतों में लहराने लगी हरियाली

लगातार बारिश से धान के रोपा कार्य में आयी तेजी
पारंपरिक फसलों के साथ उद्यानिकी फसलों की भी पैदावार के लिये किसान सक्रिय

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. जिले में खरीफ सीजन की बुआई कार्य अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। कृषि विभाग के सहायक संचालक राजकुमार सोलंकी ने बताया कि किसानों के चेहरे पर इन दिनों राहत और संतोष की झलक देखने को मिल रही है क्योंकि पिछले सप्ताह से रुक-रुक कर हो रही मध्यम से तेज बारिश ने खेतों की प्यास बुझाई है और फसलों के लिए यह बारिश अमृत समान साबित हो रही है।
केसीजी के खेतों में लहराने लगी हरियाली
खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के किसानों ने परंपरागत धान की फसल के साथ-साथ उड़द, तुवर, तिल, सोयाबीन, कोदो जैसे मिलेट्स की भी भरपूर बुआई की है। धान की फसल को लेकर ओनारी (कतार बोनी) का कार्य भी तेजी से चल रहा है वहीं धान का रोपा लगाने किसान वर्तमान में व्यस्त है साथ ही सोयाबीन की बुआई का कार्य भी अंतिम चरण में है। दूसरी और उद्यानिकी फसलों में बरबट्टी, जिमीकंद, टमाटर, बैगन, फूलगोभी, केला, पपीता व खेक्सी की फसल बोई गई है।जिसके बाद अब जिले के खेतों में हरियाली दिखने लगी है, जिससे आगामी दिनों में अच्छी पैदावार की उम्मीद जताई जा रही है।
पारंपरिक फसलों के साथ अब उद्यानिकी फसलों की ओर बढ़ी किसानों की रूचि
जिले में इस खरीफ सीजन में जहां पारंपरिक धान फसल की बुआई अंतिम चरण में है वहीं किसान भाई उद्यानिकी फसलों की ओर भी तेजी से रुख कर रहे हैं। टमाटर, केला, पपीता, लौकी, खीरा बरबट्टी, जिमीकंद, बैगन, फूलगोभी के साथ-साथ हरी सब्जियों और भाजी आदि फसलों की बुआई बड़े पैमाने पर की जा रही है। वर्तमान में उद्यानिकी फसलों को लेकर जिले के किसान भाई लौकी, खीरा, बरबटी बैगन फूलगोभी व खेक्सी की फसल भी सब्जी मंडी में बेच रहे हैं और उन्हें अच्छा-खासा मुनाफा हो रहा है। जिला उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक रविंद्र कुमार मेहरा ने बताया कि जलवायु अनुकूलता और बाजार मांग को देखते हुए जिले के कई किसानों ने सब्जी और फल उत्पादन को मुख्य आय का स्रोत बनाना शुरू कर दिया है। इससे न केवल कृषि क्षेत्र में विविधता आएगी बल्कि किसानों को पारंपरिक फसलों के अलावा अतिरिक्त आमदनी भी हो सकेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि उद्यानिकी फसलों की खेती किसानों को कम समय में अधिक लाभ देने में सक्षम है। यदि समय पर तकनीकी मार्गदर्शन और विपणन सुविधा उपलब्ध हो तो यह पहल क्षेत्रीय कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर सकती है। कृषि विभाग के अनुसार मौसम की स्थिति अब तक अनुकूल बनी हुई है। यदि इसी तरह बारिश जारी रही तो इस वर्ष जिले में फसलों की अच्छी उपज मिलने की पूरी संभावना है।
जिला निर्माण के बाद उद्यान की फसलों की पैदावार को लेकर किसानों में विस्तृत रुचि निर्मित हुई है और इसका लाभ किसानों को मिल रहा है।
रविंद्र कुमार मेहरा, सहायक संचालक उद्यानिकी के.सी.जी.
धान सहित सोयाबीन वह तिलहन की खरीफ फसलों की प्रारंभिक स्थिति बेहतर है, इस वर्ष बेहतर बारिश का अनुमान है और फसल बेहतर होगी।
राजकुमार सोलंकी, सहायक संचालक कृषि के.सी.जी.