
कलेक्टर के निर्देश के बाद सुधरी बैगा आदिवासी छात्रों की शैक्षणिक व्यवस्था
1 जुलाई को प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी बैगा आदिवासी बच्चों की व्यथा
राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र का दर्जा प्राप्त बैगा आदिवासी समुदाय के बच्चे झोपड़ी में पढ़ने थे मजबूर
खबर प्रशासन के बाद कलेक्टर ने संज्ञान लेकर व्यवस्था सुधारने शिक्षा अधिकारियों को किया था निर्देशित
सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ़. दुनियाँ में दौर जरूर पीत पत्रकारिता का है लेकिन जनहित में ईमानदार पत्रकारिता का माद्दा आज भी बरकरार है यहीं वजह है कि सत्य परक खबरें तमाम परेशानियों के बावजूद अपना असर छोड़ जाती हैं। ऐसे ही जनहित के एक मामले में खबर का असर हुआ हैं और, कलेक्टर के निर्देश के बाद बैगा आदिवासी छात्रों की शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार हुआ हैं। बीते 2 जुलाई को हमारे लोकप्रिय न्यूज़ पोर्टल सत्यमेव न्यूज़ ने प्रमुखता से वनांचल में बसे ग्राम निज़ामडीह में बैगा आदिवासी बच्चों की व्यथा प्रकाशित की थी। दरअसल राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र का दर्जा प्राप्त बैगा आदिवासी समुदाय के बच्चे झोपड़ी में पढ़ने को मजबूर थे। प्रमुखता से खबर प्रशासन के बाद कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा ने संवेदनशीलता के साथ इस पूरे मामले को संज्ञान में लेकर व्यवस्था सुधारने शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया था। जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी लालजी द्विवेदी और विकासखंड शिक्षा अधिकारी रमेन्द्र डडसेना ने सुदूर वनवासी ग्राम निज़ामडीह पहुँचकर खबर की पुष्टि की और गांव के आदिवासी परिवार के एक छप्परनुमा झोपड़ी में संचालित हो रहे हैं प्राथमिक शाला को आंगनबाड़ी भवन में संचालित करने का निर्णय लिया। कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा ने बताया कि अब झोपड़ी में छप्पर के नीचे नहीं आँगनबाड़ी के पक्के भवन में निज़ामडीह प्राथमिक शाला के वनवासी बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। बीते दो दिन से प्राथमिक शाला निजामडीह का संचालन गांव के आंगनबाड़ी केंद्र में दूसरे पाली में संचालित किया जा रहा है।
दो साल से नहीं हो पाया जर्जर विद्यालय भवन का मरम्मत, इसलिए थी झोपड़ी में पढ़ने की मजबूरी
विद्यालय भवन की जर्जर स्थिति और भवन के जीर्णोद्धार नहीं होने के कारण बीते 2 साल से प्राथमिक शाला को गांव के ही एक आदिवासी परिवार की झोपड़ी में संचालित किया जा रहा था। खबर प्रकाशन के बाद जिला प्रशासन ने इस दिशा में जरूरी कदम उठाया है। बताया जा रहा है कि कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा ने विद्यालयों के जीर्णोद्धार के लिए सख़्ती दिखाई है और काम नहीं करने वाले ठेकेदारों के विरुद्ध सीधे कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।