कृषि अधिकारियों की लचर व्यवस्था से जारी है कृषि केन्द्र संचालकों का मनमानी

किसानों को नहीं दिया जा रहा पक्का बिल, लोकल बिल थमा काट रहे चांदी

राजनीतिक संरक्षण चलते कृषि केंद्र संचालक कर रहे मनमानी

नियमों को दरकिनार कर संचालित हो रहा कृषि केंद्र

सत्यमेव न्यूज़/बाज़ार अतरिया. खेती किसानी का दौर शुरू होते ही कृषि केंद्र संचालकों की मनमानी शुरू हो गई है. खेती किसानी की सामग्री खरीदने किसानों की होड़ मची हुई है, ऐसे समय में कृषि अधिकारियों की लचर व्यवस्था के चलते कृषि केन्द्र संचालक मनमाफिक खाद-बिज का विक्रय कर किसानों को लूटने में लगे हुये हंै. बाजार अतरिया क्षेत्र में 2 दर्जन से भी अधिक कृषि केंद्र संचालित है जहां कृषि संचालक नियमों को दरकिनार कर बिना प्रिंसिपल सर्टिफिकेट के दवाइयां बेच रहे हैं. लोकल कंपनी के दवाईयों को फुल एमआरपी पर ग्राहक थमा रहे हैं और उधार देने के नाम पर मोटी रकम की वसूली की जा रही है. ग्राहकों को जीएसटी वाला ओरिजिनल बिल भी नहीं दिया जा रहा है बल्कि लोकल बिल देकर चांदी काटने में लगे हुये हैं. इधर लगातार खाद की कालाबाजारी भी देखने को मिल रही है.

क्षेत्र में किराना दुकान से लेकर कृषि केंद्रों में खाद की भरपूर स्टॉक रखी गई है, सोसायटी में किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल पा रहा है जिसके कारण किसान निजी दुकानों में पहुंचकर अधिक दाम में खाद खरीद रहे हैं. संबंधित विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को दफ्तर से ही फुर्सत नहीं मिल रहा है. खबर यह भी है कि विभाग कार्रवाई के नाम पर चुनिंदा दुकानों में जाकर खानापूर्ति कर निकल जाते हैं. अगर कृषि केंद्रों में जांच के लिए अधिकारी पहुंचते हैं तो उनके आने से पहले सभी दुकान संचालकों को इसकी खबर हो जाती है और अधिकारियों से सांठगांठ कर काम बना लेते हैं.

राजनीतिक संरक्षण के चलते हौसले बुलंद

खबर यह है कि ब्लॉक में अधिकतर कृषि केंद्र संचालक अपने-अपने स्तर पर राजनीतिक पकड़ रखते हैं यही वजह है कि इन लोगों पर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की जाती वहीं संबंधित विभाग के अधिकारियों सहित राजनीतिक लोगों के साथ सांठगांठ कर कृषि केन्द्र संचालक किसानों को लुटने में लगे हुये हैं. यही कारण है कि बिना लायसेंस के भी दुकानदार धड़ल् ले से खाद-बीज का विक्रय कर रहे हैं.

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