कृषकों के बीमा लाभांश व मत्स्य पालन को लेकर यशोदा ने विधानसभा में उठाये प्रश्न

फसलों के बीमा व मत्स्य पालन के लिये केज कल्चर की मांगी जानकारी

सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़. नवनिर्वाचित विधायक श्रीमती यशोदा निलाम्बर वर्मा ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में जारी मानसून सत्र में अपने कार्यकाल का पहला प्रश्न कृषक हित में उठाया वहीं जिले में मत्स्य पालन को लेकर भविष्य की संभावनाओं से संबंधित प्रश्न भी किये. खैरागढ़ विधायक श्रीमती वर्मा ने खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में कृषि बीमा से लाभांवित हितग्राहियों की जानकारी मांगते हुये प्रश्न किया कि खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में 1 अप्रैल 2021 से 30 जून 2022 तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा की जानकारी मांगी. इस संबंध में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने बताया कि खरीफ वर्ष 2021 में छुईखदान तहसील में 21974 कृषक पोर्टल में दर्ज हुये जिसमें बीमा कंपनी द्वारा कुल निरस्त कृषकों की संख्या 376 थी वहीं छुईखदान तहसील अंतर्गत 32990.53 हे. रकबा बीमित हुआ था एवं 2255 कृषक बीमा की दावा राशि से लाभांवित हुये थे. इसी तर्ज पर खैरागढ़ तहसील क्षेत्र अंतर्गत पोर्टल के माध्यम से 35049 कृषकों ने बीमा कराया था जिसमें बीमा कंपनी द्वारा 516 कृषकों के आवेदन निरस्त किये थे तथा 48086.79 हे.रकबा बीमित हुआ था इनमें से 2541 कृषक बीमा की दावा राशि से लाभांवित हुये थे.

कुल 57023 कृषकों में से 1252 कृषकों के आवेदन निरस्त हुये तथा 4796 लाभांवित कृषकों के 81077.31 हे. भूमि बीमित हुई थी. रबी वर्ष 2021-22 के लिये छुईखदान से 11832 किसानों ने आवेदन किया था जिनमें से 151 किसानों के आवेदन निरस्त हुये थे और 4367 लाभांवित कृषकों की 17716.23 हे. भूमि बीमित हुई थी साथ ही गंडई के 7898 कृषकों के आवेदन में से 75 आवेदन निरस्त हुये थे और 1001 लाभाङ्क्षवत कृषकों की 10761.40 हे.कृषि भूमि बीमित हुई थी वहीं खैरागढ़ के 32595 कृषकों ने आवेदन किया था जिनमें से 1276 कृषकों के आवेदन निरस्त हुये थे और 28077 लाभांवित कृषकों की 45240.69 भूमि बीमा से लाभांवित हुई. इसी तर्ज पर खरीफ वर्ष 2022 में छुईखदान के 4978 कृषक, गंडई के 2410 व खैरागढ़ के 15664 कुल 23052 कृषकों ने बीमा के लिये आवेदन किया है तथा अब तक कुल 52651.96 हे. कृष भूमि को बीमित किया गया है एवं वर्तमान में राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल में कृषक आवेदनों के प्रवृष्टि की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है. दूसरे प्रश्न में श्रीमती यशोदा निलाम्बर वर्मा ने राजनांदगांव जिले में 1 अप्रैल 2021 से 30 जून 2022 तक कितने जलाशयों में मछली पालन हेतु केज कल्चर स्थापित किये जाने संबंधित प्रश्न विधानसभा में उठाये जिसके जवाब में मंत्री रविन्द्र चौबे ने बताया कि इस अवधि में राजनांदगांव जिले के दो जलाशय में केज स्थापित किया गया है, स्थानीय पंजीकृत सहकारी समिति को प्राथमिकता दी गई है.

मंत्री श्री चौबे ने प्रश्र के प्रति उत्तर में यह भी बताया कि 200 हे. से अधिक जलाशयों में केज कल्चर संचालित करने की स्वीकृति दी गई है जिसके तहत 200 हे. से अधिक के जलाशय जिन्हें छग राज् य मतस्य महासंघ/मछुआ सहकारी समितियों/मछुआ समूह/व्यक्ति को दीर्घावधि के लिये पट्टे पर दिये गये हैं. उन जलाशय में केज कल्चर के माध्यम से मत्स्योत्पादन बढ़ाने के लिये केज स्थापित करने के लिये जल क्षेत्र अधिकतम 2 हे. पट्टे पर दिया जायेगा. भारत सरकार के निर्देश के मुताबिक अधिकतम 18 केज स्थापना की अनुमति दी गई है.

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