कुलपति को हटाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे सेवानिवृत शिक्षक की तबीयत बिगड़ी
खैरागढ़ में प्राथमिक उपचार के बाद गृहनगर छुईखदान में कराया गया हैं भर्ती
सत्यमेव न्यूज़ खैरागढ़. इंदिरा कला संगीत विवि की वर्तमान कुलपति पद्श्री मोक्षदा (ममता) चंद्राकर की कथित तौर पर अवैध नियुक्ति तथा नियमानुसार कार्यकाल पूर्ण हो जाने के बावजूद पद पर बने रहने का आरोप लगाकर तत्काल हटाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित सेवानिवृत्त शिक्षक बीआर यादव की तबीयत अचानक बिगड़ गई।
तबीयत बिगड़ने के बाद आंदोलनरत सेवानिवृत्त शिक्षक को छुईखदान के सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया है। श्री यादव कुलपति की नियुक्ति को अवैध व नियम का उल्लंघन बताते हुये एवं कांग्रेस के शासनकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री से पारिवारिक संबंध होने के कारण यूजीसी व राज भवन के कुलपति चयन संबंधित नियमों का उल्लंघन करते हुये उपकृत करने गलत तरीके से नियुक्त की गई कुलपति को हटाने की मांग को लेकर छुईखदान टिकरीपारा निवासी बीआर यादव 7 जून से अंबेडकर चौक एसडीएम कार्यालय के पास शांतिपूर्ण तरीके से सत्याग्रह पर हैं लेकिन शुक्रवार से उनकी तबीयत में बुढ़ापे के कारण उतार-चढ़ाव बना हुआ था जिसके बाद रविवार को अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई और चक्कर आने से वे गिर गये। तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें आनंद-खनन में सिविल अस्पताल खैरागढ़ लाया गया जहां प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल में भर्ती होने के लिए समझाइए दी गई। इस समझाइए इसके बाद परिजनों ने आंदोलनरत शिक्षक को छुईखदान के अस्पताल में उपचार के लिये भर्ती कराया है। सिविल अस्पताल में पदस्थ वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी प्रवीण सिंह परिहार ने बताया कि लगातार आंदोलन कर रहे श्री यादव का ब्लड प्रेशर बढ़ा है और कंट्रोल नहीं हो रहा। उन्हें गठिया वात की भी शिकायत है जो कमजोरी के कारण बढ़ गई है। बीपी बढ़ने तथा गठिया वात की शिकायत से व्यक्ति के सीने में दर्द होने लगता हैं और हृदय घात अथवा लकवा जैसी गंभीर समस्या भी हो सकती है वहीं इन सब के कारण मस्तिष्क आघात की भी संभावना बढ़ जाती है। बहरहाल शिक्षक की तबियत अभी ठीक बताई जा रही है।