
हरेली पर्व पर हुआ पारंपरिक आयोजन
बच्चों ने गीत-कविताओं से किया वीरों को नमन
पारंपरिक खेलों के साथ दिखा उत्साह
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. विकासखंड छुईखदान के शासकीय प्राथमिक शाला पुरेना (संकुल केंद्र घिरघोली) में शनिवार को कारगिल विजय दिवस के अवसर पर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम प्रधान पाठक तुलेश्वर कुमार सेन के मार्गदर्शन में आयोजित हुआ जिसमें शहीद 527 सैनिकों और 1363 घायल जवानों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। प्रधान पाठक ने बच्चों को बताया कि कारगिल युद्ध 3 मई 1999 से 26 जुलाई 1999 तक चला था, जिसमें हमारे वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश की रक्षा की। आज हम अपने घरों में सुरक्षित हैं, तो उसका श्रेय हमारी थल, जल और वायु सेना को जाता है। उन्होंने कहा कि हम सभी को जहां हैं वहीं से देश की सेवा करनी चाहिए। कार्यक्रम के दौरान कक्षा 4वीं व 5वीं के विद्यार्थियों ने मैं अमर शहीदों का चारण कविता का सस्वर वाचन कर शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। हरेली पर्व की परंपराओं से रूबरू हुए बच्चे शनिवार को बैगलेस डे के रूप में मनाते हुए बच्चों को छत्तीसगढ़ के पारंपरिक हरेली पर्व की जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि यह पर्व किसान समाज का प्रमुख त्यौहार है जो सावन अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन किसान अपने औजार, बैल, नागर, हंसिया, टंगिया आदि की पूजा करते हैं और भगवान शिव की उपासना करते हैं।
बच्चों को दशमूल रस, नीम की डंगाल, और गोमाता को लोई खिलाने जैसी परंपराओं के महत्व को समझाया गया। साथ ही ग्रामीण संस्कृति के हिस्से पौनी-पसारी, बीज कुटनी और बांध पूजा की जानकारी भी दी गई। गेड़ी दौड़ और फुगड़ी प्रतियोगिता में दिखा बच्चों का उत्साह कार्यक्रम में पारंपरिक खेलों की भी धूम रही। गेड़ी दौड़ में बालक वर्ग में हरीश और भावेश तथा बालिका वर्ग में भूमिका यादव और भुनेश्वरी ने स्थान बनाया। फुगड़ी प्रतियोगिता में बालिकाओं में कामनी और भुनेश्वरी, जबकि बालकों में प्रवीण और रूपेश ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। इस अवसर पर सहायक शिक्षक गोकुल राम वर्मा सहित विद्यालय के सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।