
सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. नवीन शासकीय कन्या महाविद्यालय में प्राचार्य डॉ. ओ.पी. गुप्ता के मार्गदर्शन में विश्व रंगमंच दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉ.मेधाविनी तुरे ने अंतरराष्ट्रीय रंगमंच दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए छात्राओं को रंगमंच, नाट्यशाला एवं प्रेक्षागृह के प्राचीन और समकालीन महत्व पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। डॉ.मेधाविनी ने भरतमुनि के नाट्यशास्त्र का उल्लेख करते हुए नाटक, रंगमंच, अभिनय, संगीत एवं गीत के समावेश पर विस्तार से चर्चा करते हुये उपस्थितजनों एवं छात्राओं को सारगर्भित जानकारी दी।
परसाईं जी की रचना ‘भोलाराम का जीव’ पर छात्राओं ने किया नाट्य मंचन
विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर बी.एस.सी. सेमेस्टर की छात्राओं ने अपने हिंदी पाठ्यक्रम में शामिल हरिशंकर परसाई द्वारा रचित बहुप्रसिद्ध व्यंग्य ‘भोलाराम का जीव’ का नाट्य मंचन किया। इस प्रस्तुति के माध्यम से वर्तमान परिवेश में भी भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी जैसी गंभीर सामाजिक समस्याओं को प्रभावी ढंग से उजागर किया गया। इस अवसर पर दुर्वासा सिन्हा ने विश्व की प्राचीनतम नाट्यशाला, रामगढ़ की पहाड़ी स्थित सीताबेंगरा के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ की समृद्ध नाट्य परंपरा में नाचा विधा के योगदान और इसके पुरोधा दाऊ दुलारसिंह मंदराजी के योगदान पर भी जानकारी साझा की। आयोजन में बड़ी संख्या में छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। समूचे कार्यक्रम का सफल संचालन अ.प्राध्यापिका मैथली पटेल एवं आभार प्रदर्शन अ. प्राध्यापक पोषण साहू ने किया। आयोजन में बड़ी संख्या में छात्राओं ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की।