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कट मनी नेटवर्क का पर्दाफाश: मंत्री के दौरे के नाम पर खैरागढ़ में वसूली

सत्यमेव न्यूज खैरागढ़. सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता की पोल उस समय खुल गई जब खैरागढ़ जिले में श्रम विभाग के निरीक्षक की ऑडियो क्लिप सामने आई, जिसमें वह सीएससी संचालक से मंत्री के दौरे का हवाला देकर पैसे की मांग करता सुनाई दे रहा है। इस मामले में अब लिखित शिकायत भी सामने आई है जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि योजनाओं के नाम पर हितग्राहियों से अवैध वसूली की जा रही थी।

वायरल ऑडियो में श्रम निरीक्षक लोकेंद्र वैष्णव कहते हैं मंत्री का दौरा है, आज थोड़ा आवश्यकता था यार। जवाब में सीएससी संचालक विनोद सिंह राजपूत कहते हैं शिव के खाते में डाल दूं जिस पर अधिकारी हामी भरते हुए कहते हैं। हां यार कर दो। इस बातचीत से यह संकेत स्पष्ट हो जाता है कि अधिकारी योजनाओं के बदले धनराशि की मांग कर रहे थे, और पैसा एक स्थानीय एजेंट के माध्यम से वसूला जा रहा था।

विनोद सिंह राजपूत ने पुलिस अधीक्षक खैरागढ़ को सौंपे आवेदन में बताया है कि श्रम कार्ड और नोनी सशक्तिकरण योजना के तहत हितग्राहियों के आवेदन स्वीकार करने के लिए विभागीय कर्मचारी लगातार पैसे की मांग कर रहे थे। शिकायत में उल्लेख है कि ग्राम भोजपुर निवासी रंजूबाई वर्मा और शैलेंद्री बाई के आवेदन केवल इसलिए 6-7 बार निरस्त कर दिए गए क्योंकि पैसे नहीं दिए गये।

शिकायत में यह भी कहा गया है कि गंडई निवासी शिवकुमार साहू को श्रम निरीक्षक ने वसूली के लिये एजेंट बनाया था। शिवकुमार ने भी स्वीकार किया कि उसके खाते में आने वाली राशि वह सीधे अधिकारी के खाते में ट्रांसफर करता था। अधिकारी थे इसलिए सवाल पूछने की हिम्मत नहीं होती थी उसने कहा। 500 से अधिक CSC संचालक दबाव में खैरागढ़ जिले में 500 से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर संचालित हो रहे हैं जिनके माध्यम से जाति, निवास, आय प्रमाण पत्र, श्रम कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि बनते हैं। पहले भी इन केंद्रों में अधिक शुल्क वसूली की शिकायतें सामने आती रही हैं लेकिन अब यह साफ हो गया है कि विभागीय अधिकारी भी इस नेटवर्क का हिस्सा हैं।

विनोद सिंह का आरोप है कि आवेदन की स्वीकृति राशि न देने पर फॉर्म बार-बार निरस्त कर दिए जाते हैं। बिना कोई नोटिस, बिना निरीक्षण, केवल पैसे के आधार पर आवेदन खारिज कर दिए जाते हैं। इतना ही नहीं उच्च अधिकारियों और श्रम मंत्री के नाम पर भी पैसे की मांग की जाती है। मामले में अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या केसीजी जिला प्रशासन और राज्य की साय सरकार इस ऑडियो और लिखित शिकायत के आधार पर भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करेगी या फिर यह मामला भी अन्य प्रकरणों की तरह धीरे-धीरे ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।

Satyamev News

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