भुगतान नहीं होने से कर्ज में डूबे अधिकांश सरपंच
सत्यमेव न्यूज़/खैरागढ़। ग्राम पंचायतों के द्वारा पन्द्रहवें वित्त योजना से कराए गए कार्यो का ऑनलाइन भुगतान नही होने से ब्लॉक के सरपंचों में मायूसी छा गई है. बता दें कि गर्मी से ग्रामीणों को निजात दिलाने पेयजल सहित अन्य कार्यो के लिए सरपंचों ने कर्ज से पैसा लेकर बोर खनन से लेकर अन्य कार्य कराया हैं जिसका भुगतान नहीं होने से सरपंच-सचिव को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जनपद पंचायत खैरागढ़ के पन्द्रहवें वित्त की राशि छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक की शाखा से संचालित होती है लेकिन उक्त बैंक के आईएफएससी कोड बैंक प्रबंधन के द्वारा बदलाव के चलते ऑनलाइन भुगतान प्रक्रिया पर रोक लग गई है जिससे ग्राम पंचायतों के सरपंच-सचिव परेशान हो गए हैं.
सरपंचो ने बताया कि जबसे ग्रामीण बैंक में खाता खुला है तब से आये दिन सर्वर से लेकर अन्य दिक्कतों का सामना करना पड़ता है वही दूसरी ओर ग्रामीण बैंक में अत्यधिक भीड़ होने की वजह से ग्राम पंचायतों के सरपंच-सचिवो को बैंक प्रबंधन के द्वारा तत्काल कार्य सम्पादित कराने में भी सक्षम नहीं है जिससे सचिवो को मंथली कैशबुक एंट्री में भी लाइन लगाना पड़ जाता है. गौरतलब है कि भीषण गर्मी के समय में भी जिला पंचायत के द्वारा आधिकारिक रूप से बिगड़ी व्यवस्था के सुधार को लेकर ठोस जानकारी भी नही दी जा रही है.
जनपद पंचायत के सीईओ तरुण देशमुख का कहना है कि जिला पंचायत से राज्य कार्यालय में आईएफएससी कोड बदलने के लिए लेटर गया हुआ है जैसे ही पुराना आईएफएससी कोड डिएक्टिवेट होता है उसके बाद ग्राम पंचायतों को नए आईएफएससी कोड के साथ एक्टिवेट कराया जाएगा। दूसरी ओर ग्रामीण बैंक मैनेजर का कहना है कि बैंक की ओर से ऑनलाइन आईएफएससी कोड चेंज हो गया है लेकिन पन्द्रहवें वित्त के ऑनलाइन पोर्टल में नए आईएफएससी कोड जब तक नहीं बदलेगा तब तक भुगतान रिजेक्ट हो जाएगा।
ग्राम पंचायतों के सरपंचो ने बरसात के बाद जिला पंचायत स्तर एवं जनपद पंचायत स्तर से स्वीकृत सीसी रोड, नाली, बोर खनन सहित अन्य कार्य कराए हैं लेकिन जब भुगतान की प्रकिया सामने आयी तो सरपंचो को निराशा हाथ लगी है. दूसरी ओर मटेरियल सप्लायर अब सरपंचो से ब्याज सहित पैसा लेने की बात कर रहे हैं. इस दोहरी मार से सरपंचो पर कर्ज बढ़ता जा रहा है.